“यूपीए की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार इन दिनों तीन दिवसीय दौरे पर पटना पहुंचीं हैं। इस दौरान मीरा कुमार ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कई अहम बातें कहीं। ”

मीरा कुमार ने कहा कि दलित बनाम दलित का मुद्दा बनाना गंदी सोच है। उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति पद के चुनाव में दो व्यक्तियों की नहीं, बल्कि दो विचारधाराओं की लड़ाई है।”

गौरतलब है कि जदयू ने पहले ही रामनाथ कोविंद को समर्थन देने की घोषणा कर दी थी। वहीं, राजद ने मीरा कुमार को समर्थन देने की घोषणा की है। इस दौरान बैठक में राजद के 61 एवं कांग्रेस के 20 विधायक शामिल हुए।

हम तो कांटों पर चलने वाले लोग हैं…

इस दौरान मीरा कुमार ने कहा, “खुद को सौभाग्यशाली मानती हूं कि बिहार में मेरा जन्म हुआ। सभी धर्मो का सम्मान करते हुए कैसे रहना है, यह हमें जन्मघुट्टी में पिलायी जाती है। पूंजीपतियों के साथ खड़े रहने में तो आराम है, हम तो कांटों पर चलने वाले लोग हैं। मुझे शक्ति की जरूरत होती है, तो बिहार चली आती हूं। उन्होंने कहा कि मैंने गुजरात स्थित साबरमती आश्रम से अपना प्रचार अभियान शुरू किया है।”

अंतरात्मा की आवाज सुनें : मीरा

मीरा कुमार ने विधायकों एवं सांसदों का आह्वान किया कि वे अंतरात्मा की आवाज पर मतदान करें। उन्होंने कहा कि आंकड़ों का क्या वजूद है, वजूद तो आत्मा की आवाज का है। जब यह आवाज उठती है, तो आदमी खुद इधर से उधर हो जाता है।

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