रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राजनीति के कारण हमारे युवाओं को 14 साल नौकरी के लिए इंतजार करना पड़ा। हमारी सरकार ने स्थानीय नीति तय कर नौकरियों के लिए दरवाजे खोले। विपक्ष ने भ्रम फैलाया कि इस नीति से बाहरी लोगों को नौकरियां मिलेंगी, लेकिन यह भ्रम भी टूट गया है। पिछले ढाई वर्ष में एक लाख नियुक्तियां हुई हैं, जिनमें 90 प्रतिशत से ज्यादा नियुक्तियां झारखंडवासियों की हुई हैं। 2188 वनरक्षी नियुक्ति में भी 90 प्रतिशत से ज्यादा नौकरियां स्थानीय लोगों को मिली हैं। 148 महिलाओं को भी इसमें नौकरी दी गयी है। आनेवाले दिनों में बड़े पैमाने पर नियुक्तियां होंगी। मुख्यमंत्री गुरुवार को डोरंडा स्थित वन भवन में वनरक्षियों को नियुक्ति पत्र वितरण करने के बाद बोल रहे थे।
राज्य गठन के बाद पहली बार वनरक्षियों की नियुक्ति : सीएम ने कहा कि झारखंड वनों भरा प्रदेश है। हमें हरा-भरा प्रदेश धरोहर के रूप में मिला है। आनेवाली पीढ़ी को भी हमें हरा-भरा झारखंड देना है। इसके लिए जरूरी है वनों की सुरक्षा। इसके लिए झारखंड बनने के बाद पहली बार वनरक्षियों की नियुक्ति की गयी है। 2188 वनरक्षियों को वनों की रक्षा की जिम्मेवारी सौंपी जा रही है। वे ईमानदारी पूर्वक इस काम का निवर्हन करें। महिलाओं को साथ लिये बिना पूर्ण विकास नहीं हो सकता है। इसलिए सरकार ने पुलिस में भी 33 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं के लिए निर्धारित किया है। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव अमित खरे, वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव इंदुशेखर चतुर्वेदी ने भी अपने विचार रखे। इस दौरान पीसीसीएफ आरआर हेंब्रम, पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ एलआर सिंह समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
वनरक्षा में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित हो
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वनों की सुरक्षा के लिए गांव में बनायी जानेवाली वन रक्षा समितियों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करें। झारखंड में हमें 33 प्रतिशत के लक्ष्य को पूरा करना है। इस साल जुलाई में सरकार ने पूरे राज्य में दो करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। पेड़-पौधे हमारे जीवन में काफी महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। इनका महत्व अध्यात्म से लेकर जीविका तक में है। अवैध कटाई के कारण पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। हमें हर हाल में अवैध कटाई रोकनी है। सरकार इसमें सख्त है।