नई दिल्ली: 1 जुलाई 2017 से देशभर में नई कर व्यवस्था GST के लागू होने के बाद से जनता के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इस बीच GST के लागू होने के बाद पहली जीएसटी परिषद की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। बैठक में सिगरेट, टैक्सटाइल के अलावा अन्य कई तरह के प्रोडक्ट्स पर टैक्स की दरें निर्धारित की गई है।
बता दें कि पहले GST लागू होने के बाद सिगरेट को 28 % GST के दायरे में लाया गया था, जोकि पहले के मुकाबले में 8% कम था। बता दें कि GST लालू होने के बाद एक्साइज ड्यूटी खत्म हो गई थी, जिससे सिगरेट के सस्ते होने की खबरे तेजी से फैल रही थी। जिसके बाद अब सरकार ने जीएसटी परिषद की बैठक में सिगरेट पर अतिरिक्त सेस में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है।
जिसके बाजद से ऐसी खबर भी चर्चा में आने लगी की सरकार के इस कदम से सिगरेट की कीमतों में बढ़ोतरी होगी, लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि इस फैसले सिगरेट की खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होगी। नई दरें सोमवार आधी रात से प्रवाभी हैं।
सिगरेट पर सेस बढ़ाने के फैसले को लेकर वित्त मंत्रालय ने कहा कि इसका यह मतलब नहीं है कि सिगरेट महंगी की गई है, सरकार ने कहा कि सेस बढ़ाने के बाद सिगरेट उसी कीमत पर मिलेंगी, जैसा की पहले मिलती थी। सरकार के इस फैसले से 5 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त रेवेन्यू मिलेगा जो अभी तक मैन्युफैक्चरर्स के खाते में जा रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जीएसटी रेट्स में सिगरेट पर लगने वाले जीसएटी की दर को 28 फीसदी और वैलोरम को 5 फीसदी की दर पर बरकरार रखा है, लेकिन फिक्स्ड सेस की दर को 485 रुपये से बढ़ाकर 792 रुपये किया है। इस पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि सिगरेट पर 28 फीसदी जीएसटी के अलावा 5 फीसदी ऐड वेलोरम टैक्स चुकाना होगा। इसके बाद सिगरेट की लंबाई के आधार पर अतिरिक्त सेस वसूला जाएगा।
आपको बता दें कि 65 मिलीमीटर तक लंबी सिगरेट पर लगने वाले सेस को बढ़ाकर 485 रुपये कर दिया है, जबकि 65 मिमी से लंबी सिगरेट पर लगने वाले सेस की दर को बढ़ाकर 792 रुपये कर दिया गया है। सेस की यह रकम प्रति 1000 सिगरेट पर वसूल किए जाएंगे।
गौर हो कि सरकार ने टेक्सटाइल पर लगने वाले GST में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया है। इसके बाद अब जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक अगस्त के पहले हफ्ते में होगी। गौरतलब हो कि अब तक देश के 75 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है।