Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Tuesday, June 3
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»राज्य»उत्तर प्रदेश»उत्तर पश्चिम भारत पर ज्यादा मेहरबान क्यों है मानसून के बदरा
    उत्तर प्रदेश

    उत्तर पश्चिम भारत पर ज्यादा मेहरबान क्यों है मानसून के बदरा

    azad sipahiBy azad sipahiJuly 23, 2018Updated:July 23, 2018No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    नई दिल्ली पूरे साल भर जिस दक्षिण पश्चिम मानसून का इंतजार रहता है, वह इस बार भी उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब और हरियाणा से रुठा हुआ है, जबकि गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान है। जुलाई से लेकर सितंबर के बीच होने वाली इस बारिश का देश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान है लेकिन पिछले एक दशक में इसके व्यवहार में इतना ज्यादा परिवर्तन आया है कि नीति निर्माताओं को चिंता होने लगी है।

    सवाल है कि ऐसा क्यों हो रहा है? विशेषज्ञों की मानें तो पिछले कुछ सालों के दौरान जलवायु परिवर्तन के कारण मानसूनी हवाएं बंगाल की खाड़ी के बजाय अरब सागर से उठ रही हैं। इस वजह से उत्तर भारत में कम बारिश हो रही है जबकि उत्तर पश्चिम के राज्यों में जरूरत से ज्यादा वर्षा हो रही है।

    अहमदाबाद में टूटा था 100 साल का रिकॉर्ड
    गुजरात के अहमदाबाद में इस साल भी जुलाई में औसत से ज्यादा बारिश हो रही है। पिछले साल तो 100 साल का रिकॉर्ड टूट गया था। 1905 के बाद पहली बार इस शहर में 952.5 मिमी बारिश हुई थी। अहमदाबाद के अलावा बनासकांठा, पाटन और सुरेंद्रनगर में भी इतनी बारिश हुई कि लोगों ने कहा कि ऐसी बरसात तो देखी ही नहीं।जयपुर में 31 साल का रिकॉर्ड टूटा

    राजस्थान के जयपुर शहर में 2012 में 17 सेमी बारिश रिकॉर्ड की गई। इससे पहले गुलाबी नगरी में 1981 में 32.6 सेमी बारिश हुई थी। जयपुर के अलावा सवाई माधोपुर, बीकानेर, भरतपुर, प्रतापगढ़ और सीकर में भी पिछले कुछ सालों से खूब बारिश हो रही है।

    उत्तर प्रदेश और बिहार में सूखा
    राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इन दोनों राज्यों में इस साल मानसून जमकर बेरूखी दिखा रहा है। इन दोनों राज्यों के साथ पंजाब एवं हरियाणा में 50 फीसद तक कम बारिश हुई है। विडंबना देखिए कि ये पांचों राज्य खरीफ की फसलों की पैदावार के मामले में काफी अहम स्थान रखते हैं, लेकिन इनमें बारिश ही नहीं हो रही है। जबकि कम पानी में होने वाले मोटे अनाज के लिए माकूल राजस्थान और गुजरात अतिवर्षा का शिकार हैं।

    बदल रहा मानसून का मिजाज
    मानसून के लांग टर्म ट्रेंड को देखा जाए तो 1976 के बाद से इसका स्वभाव बदल रहा है। एक तो यह देरी से आ रहा है और जल्दी चला जा रहा है। इसे सितंबर तक सक्रिय रहना चाहिए जबकि यह एक हफ्ते पहले ही वापस चला जा रहा है। इसके अलावा मानसूनी बारिश में साल दर साल 10 फीसदी की कमी आ रही है। यही नहीं, पहले जिन इलाकों में बारिश कम होती थी वहां ज्यादा हो रही है, जबकि जहां ज्यादा बारिश होती थी, वहां कम हो रही है।

    ग्लोबल वार्मिंग है जिम्मेदार

    मानसून सीजन में एक्टिव पीरियड के बीच-बीच में ब्रेक पीरियड आते हैं। एक्टिव पीरियड में बारिश होती है जबकि ब्रेक पीरियड में यह थम जाती है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण एक्टिव पीरियड की अवधि कम हो रही है और ब्रेक पीरियड की बढ़ रही है।

    बंगाल की खाड़ी में कमजोर हो रहा मानसून

    मानसून के दौरान आधी से ज्यादा बारिश बंगाल की खाड़ी से उठने वाली नम हवाओं के सिस्टम के कारण होती है। पिछले कुछ सालों से यह सिस्टम कमजोर पड़ रहा है, जबकि अरब सागर का सिस्टम मजबूत हो रहा है, जिसकी वजह से राजस्थान और गुजरात में ज्यादा बारिश हो रही है।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleदर्दनाक हादसा : गहरे नाले में गिरी कार, 6 युवकों की मौत
    Next Article Movie Review Soorma: मनोरंजन के साथ-साथ कुछ कर गुजरने का ज़ज्बा जगाती फ़िल्म
    azad sipahi

      Related Posts

      अहमदाबाद शहर में कोरोना से पहली मौत, पिछले 24 घंटे में 55 नए केस

      June 2, 2025

      राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने तेलंगाना के स्थापना दिवस पर दी बधाई

      June 2, 2025

      प्रधानमंत्री मोदी आज वैश्विक विमानन सीईओ को करेंगे संबोधित

      June 2, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • 19 जून को रांची को मिलेगा पहला एलिवेटेड कॉरिडोर, रातू रोड को मिलेगा जाम से निजात
      • अहमदाबाद शहर में कोरोना से पहली मौत, पिछले 24 घंटे में 55 नए केस
      • राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने तेलंगाना के स्थापना दिवस पर दी बधाई
      • प्रधानमंत्री मोदी आज वैश्विक विमानन सीईओ को करेंगे संबोधित
      • पराग्वे के राष्ट्रपति नई दिल्ली पहुंचे, गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version