चतरा (आजाद सिपाही संवाददाता)। कान्हाचट्टी प्रखंड अंतर्गत डोंडागड़ा गांव में गरीबी और कुपोषण से झींगुर भुइयां की मौत हो गयी। वह कई दिनों से बीमार था। वह बेहद गरीब था और पत्नी रूबी देवी के साथ भीख मांग कर गुजारा करता था।
रूबी देवी के अनुसार परिवार के पास राशन कार्ड नहीं है। इसलिए उसे खाद्यान्न योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। परिवार का नाम बीपीएल सूची में नहीं है। इसलिए उसे किसी सरकारी योजना का लाभ भी नहीं मिलता है। रूबी देवी ने बताया कि देर रात उसकी मां सब्जी और कुछ अनाज लेकर पहुंची थी, लेकिन तब तक झींगुर की मौत हो चुकी थी। इधर ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि झींगुर के घर में 10 दिन से चूल्हा नहीं जला था, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। इधर मुखिया और डीलर के अनुसार, परिवार को खाद्यान्न नियमित रूप से दिया जा रहा था। स्थानीय मुखिया राजवंती देवी ने कहा कि झींगुर कोई काम नहीं करता था। हालांकि उसने अपनी गरीबी या उसकी पत्नी ने उसके बीमार होने या अनाज नहीं होने की बात कभी नहीं बतायी। मुखिया ने कहा कि उसके घर में हाल ही में एक बोरी अनाज पहुंचाया गया था।
इस बीच उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह ने झींगुर की मौत की जांच का आदेश दिया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि जांच समिति गठित कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया झींगुर की मौत बीमारी से लग रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
- एक साल से लकवाग्रस्त था झींगुर : रूबी
इधर रूबी देवी ने प्रशासन के समक्ष लिखित आवेदन देकर बताया है कि उसके पति बीते एक वर्ष से लकवा बीमारी से ग्रसित थे। उनके शरीर का बायां हिस्सा काम नहीं करता था। वह बिस्तर पर ही रहते थे। उन्हें तीन दिन पहले भी अटैक हुआ था। झींगुर की सास ने बताया कि उसका इलाज बनासो स्थित निजी चिकित्सक के पास कराया गया था। उसके बावजूद सुधार नहीं हो पाया।
- पोस्टमार्टम कराया गया
उपायुक्त के निर्देश पर जांच टीम गांव पहुंची। इसमें सिमरिया अनुमंडल पदाधिकारी दीपू कुमार एवं चतरा डीएसओ शामिल थे। तब तक झींगुर के शव को श्मशान ले जाया गया था। टीम ने शव को वहां से पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा।
- अंत्योदय कार्ड पर जून में अनाज उठाया था
देर शाम सिमरिया एसडीओ और बीडीओ झींगुर के घर पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी। उन्होंने मीडिया को बताया कि झींगुर कीमां बुधनी मसमात के नाम से राशन कार्ड निर्गत है। इसमें मृतक के पुत्र चंदन कुमार, बड़े भाई मंजूर भुइयां का नाम है। उस कार्ड से जून महीने में 30 किलो अनाज उठाया गया है। एसडीओ ने कहा कि रूबी देवी को परिवारिक लाभ के तहत 20 हजार रुपये दिये जायेंगे। उसका नाम राशन कार्ड में अंकित कराया जायेगा। इसके अलावा इंदिरा आवास एवं पेंशन की स्वीकृति अविलंब करायी जायेगी।