रांची। झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का चौथा दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। पहली पाली में विपक्ष ने स्थानीय नियोजन नीति को लेकर कार्य स्थगन का प्रस्ताव लाया था। इसे स्पीकर ने अमान्य करार दे दिया, जिसके बाद झामुमो के विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी। नारेबाजी के बाद स्पीकर ने सुबह 11.19 बजे कार्यवाही 11.45 तक के लिए स्थगित कर दी। दोबारा सत्र की कार्यवाही शुरू हुई तो सुखदेव भगत ने एमजीएम अस्पताल और नाले में गिरी बच्ची की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसकी बात कही, जिस पर हेमंत ने भी बात रखी। इसी में सीपी सिंह खड़े हो गये। वह कहने लगे, हमारे खड़े होते ही विपक्ष को मिर्ची लग जाती है। बस फिर क्या था। दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। सीपी सिंह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को यह विशेषाधिकार है कि कभी भी खड़े होकर कुछ भी बोलने लगें। किसी भी शब्द का प्रयोग करें। इस पर हेमंत सोरेन ने कहा कि नगर विकास विभाग की सभी करतूतों पर हमारी नजर है। यह सुनते ही मंत्री सीपी सिंह कहने लगे कि नेता प्रतिपक्ष को सभी बातें पता है, तो उजागर क्यों नहीं करते। क्या आप कमीशन खाने के चक्कर में हैं। सीपी बोले-नेता प्रतिपक्ष सुन लीजिये, आपने बालू बेच दिया, शर्म आनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष जब नगर विकास मंत्री थे, तब एक पैसे का काम नहीं किया। नेता प्रतिपक्ष आपने मैनहर्ट में जो पैसे खाये हैं, वह सब निकलवायेंगे। इस पर हेमंत सोरेन ने कहा कि मंत्री जी फाइल लेकर मेरे साथ बैठ जायें, दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। उन्होंने कहा कि मैं नगर विकास मंत्री से उम्र में काफी छोटा हूं। शारीरिक और जुबानी क्षमता अधिक रखता हूं। मैं जवाब दे सकता हूं, लेकिन भाजपा की परिपाटी रही है कि वह बेवजह की बातें करे।
बाप के नाम पर बेटा कलंक है: सीपी सिंह
मंत्री सीपी सिंह ने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि बाप के नाम पर बेटा कलंक है, श्रवण कुमार नहीं। कहा कि नेता प्रतिपक्ष भी नगर विकास मंत्री थे, एक काम भी नहीं किया। जहां-जहां भी जमीन खरीदे हैं, सबकी सच्चाई सामने लाऊंगा। जहां-जहां भी गड़बड़ी हुई है, जनता के सामने रखूंगा।
हम सदन में गाली-गलौज नहीं कर सकते: हेमंत
नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने मंत्री सीपी सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि आप मंत्री होकर ऐसी बात कैसे कर सकते हैं। भाजपा लोकतंत्र की आवाज को दबाने की साजिश रच रही है। कोई भी जनता से जुड़ा सवाल सदन में आने नहीं दिया जा रहा है। कहा कि ऐसा नहीं है कि हमें गाली नहीं आती, हमने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं, लेकिन हमलोग अपनी मर्यादा में रहते हैं। समय आने दीजिए।
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