चीन के साथ सीमा पर चल रहे तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार सुबह लेह पहुंच गए। रक्षा मंत्री एलओसी के साथ-साथ एलएसी पर भी जाएंगे। इस दौरान वे पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर तैनात भारतीय सैनिकों की तैयारियों की जानकारी भी लेंगे। वह अग्रिम चौकियों का भी निरीक्षण करने जा सकते हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज सुबह 7 बजे दिल्ली से लेह के लिए उड़ान भरी। दो दिवसीय लद्दाख और जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर लेह के लिए रवाना से पूर्व उन्होंने स्वयं ट्वीट कर कहा कि सीमाओं पर स्थिति की समीक्षा करने और क्षेत्र में तैनात सशस्त्र बल के जवानों के साथ बातचीत करने के लिए आगे के क्षेत्रों का दौरा करूंगा।
लेह पहुंचने के बाद वह सबसे पहले वह लेह स्थित आर्मी अस्पताल जाएंगे, जहां 15/16 जून की रात को गलवान घाटी में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के बर्बर हमले में घायल भर्ती सैनिकों के साथ बातचीत करेंगे। इस हमले में भारत ने 20 सैनिक खो दिए थे। यहां से वह पाकिस्तान से लगी सीमा (एलओसी) के इलाके में जाएंगे और पाकिस्तान बॉर्डर पर तैयारियों का जायजा लेंगे। वह लेह स्थित सेना की 14वीं कोर भी जाएंगे और सैन्य कमांड व अन्य अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। इस दौरान वे चीन सीमा पर तैनात भारतीय सैनिकों की तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
राजनाथ सिंह शनिवार को अपने दौरे के दूसरे दिन पूर्वी लद्दाख की नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जाएंगे, जहां पर चीन बॉर्डर की स्थिति का जायजा लेंगे। वह चीन सीमा पर तैनात सैनिकों के साथ बातचीत करने के लिए पूर्वी लद्दाख क्षेत्र का दौरा करेंगे।
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को 3 जुलाई को लेह-लद्दाख के दौरे पर जाना था लेकिन उनके स्थान पर उसी दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सैन्य बलों के प्रमुख (सीडीएस) बिपिन रावत के साथ अचानक लेह गए थे। प्रधानमंत्री वहां गलवान में घायल जवानों से भी मिले और फिर जवानों की एक सभा को संबोधित भी किया था।