नारायणी नदी पार कर खेती करने गए 200 किसानों को कुशीनगर जिला प्रशासन रेस्क्यू कर बचाने के ऑपरेशन में जुटा है। मंगलवार देर रात तक 35 लोगों को मोटरबोट से लाए जाने में टीम सफल रही। बुधवार को सुबह लोगों के लाए जाने का सिलसिला जारी रहा। पुलिस व एनडीआरएफ की टीम ने दो मोटरबोट के सहारे ऑपरेशन को अंजाम दे रही है।
इस दौरान मोटरबोट खराब भी हुई। जिससे बचाव टीम को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई घण्टे ऑपरेशन ठप रहा। जिले के तमकुहीराज तहसील क्षेत्र के अमवाखास, अमवादीगर, दशहवा, जमुआन कोठी आदि गांवों के लोगों की नदी उस पार खेती है। उक्त लोग नाव से खेती करने उस पार जाते हैं और पुनः शाम तक लौट भी आते है।
सोमवार को नाविक ग्रामीणों को लेकर गया और उस पार छोड़कर नाव लेकर इस पार आ गया। ग्रामीण नदी उस पार फंसे ही रह गए। उसी दिन नेपाल ने नदी में तीन लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ दिया। शाम को नाविक ने नदी में पानी बढ़ जाने के कारण नाव ले जाने से इनकार कर दिया। मजबूर ग्रामीणों ने किसी तरह से रात काटी। सुबह जिला प्रशासन को मामले की जानकारी हुई तो पुलिस व एनडीआरएफ की टीम को लगाया गया। रात दस बजे तक 35 लोगों को लाने में सफलता मिली।
इस सम्बंध में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ऑपरेशन में दो स्टीमर लगाई गई हैं। जल्द ही सभी ग्रामीण सुरक्षित वापस अपने घर आ जाएंगे।
Share.

Comments are closed.

Exit mobile version