नई दिल्ली: राजस्थान के सियासी संग्राम पर इस समय सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। देश की सबसे बड़ी अदालत में मशहूर वकील कपिल सिब्बल स्पीकर का पक्ष रख रहे हैं। उन्होंने हाई कोर्ट के फैसले को गलत बताते हुए कहा कि स्पीकर को फैसले लेने से रोकना न्यायसंगत नहीं है। बता दें कि स्पीकर सीपी जोशी ने हाईकोर्ट के दखल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिक लगाई है।

सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा ने कपिल सिब्बल से पूछा कि क्या लोकतंत्र में असहमति (विधायकों की आवाज) को बंद किया जा सकता है? यह कोई मामूली बात नहीं है. ये जनता द्वारा चुने गए लोग हैं. जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि स्पीकर कोर्ट क्यों आए? वो नुट्रल होते हैं. वो कोई प्रभावित पक्ष नहीं हैं.

जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि मान लीजिए किसी नेता का किसी पर भरोसा नहीं, तो क्या आवाज उठाने पर उसे अयोग्य करार दिया जाएगा. पार्टी में रहते हुए वे अयोग्य नहीं हो सकते, फिर ये यह एक उपकरण बन जाएगा और कोई भी आवाज नहीं उठा सकेगा. लोकतंत्र में असंतोष की आवाज इस तरह बंद नहीं हो सकती.

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