वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदम्बरम ने एक बार फिर चीन सीमा विवाद को लेकर केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि भले ही विदेश मंत्रालय का ‘सीमा क्षेत्रों को खाली कराने वाला’ बयान संतोषजनक है लेकिन पांच मई की यथास्थिति की बहाली पर सरकार चुप क्यों है। आखिर किसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चीन से सीधी बात करने से कतरा रहे हैं।
 
पूर्व विदेश मंत्री पी. चिदम्बरम ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि विदेश मंत्रालय का कल रात का बयान भारत के “पूरी तरह से खाली कराने और डी-एस्केलेशन और सीमा क्षेत्रों में पूर्ण शांति बहाली” के रूप में भारत की उम्मीद की बात करता है, अब तक संतोषजनक है। उन्होंने कहा कि भारत की 5 मई, 2020 तक की ”यथास्थिति की बहाली” की मांग पर बयान में चुप्पी क्यों है? उन्होंने कहा कि यह सरकार की तरफ से आया बयान एक और उदाहरण है कि चीन ने पांच मई तक प्रचलित यथास्थिति को बदल दिया है। यह इस दावे के लिए एक और झिड़की है कि “किसी ने भारत में घुसपैठ नहीं की है और कोई भी भारतीय क्षेत्र में नहीं है”।
 
उल्लेखनीय है कि मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस चीन के साथ सीमा विवाद के मुद्दे पर लगातार केंद्र सरकार पर सवाल उठाती रही है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भारतीय सरजमीं पर चीनी कब्जे का दुस्साहस लगातार बना है, इसके बावजूद मोदी सरकार और प्रधानमंत्री चीनी कब्जे को लेकर भ्रम का जाल फैलाने में लगे हुए हैं। कांग्रेस ने सवाल भी उठाया कि प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक में चीनी घुसपैठ के बारे में सही तथ्य क्यों नहीं बताए?
 
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