लॉकडाउन और कोरोना के कारण वैसे ही आम जनता महंगाई की मार को झेल रही हैं। लेकिन अब महंगाई की ये मार आम जनता पर और तेज होने वाली है। दरअसल लगातार महंगे होते डीजल के दामों को देखते हुए ट्रक परिचालक ट्रकों का माल-भाड़ा 20 फीसदी तक बढ़ाने के बारे में सोच रहे हैं।
अगर ऐसा होता है तो इसका असर महंगाई पर साफ दिखाई देगा। मतलब साफ है कि टमाटर के बाद अन्य सब्जियों के साथ-साथ रोजमर्रा के सामान की कीमतें भी बढ़ सकती हैं।
ट्रक परिचालकों की एक यूनियन ने कहा है कि अगर ईंधन की कीमत दैनिक आधार पर बढ़ती रही तो भाड़े में 20 फीसदी बढ़ोतरी करनी पड़ सकती है। यूनियन ने डीजल की कीमतों की हर महीने या तिमाही समीक्षा करने की मांग की है। हालांकि बीते दिन दिनों से डीजल की कीमतें स्थिर हैं। जबकि इस से पहले रुक-रुक कर डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होती रही है।
पिछले 7 जुलाई से अब तक डीजल 1.11 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है. इससे 3 दिन पहले ही दिल्ली में डीजल की कीमतों में 12 पैसे का उछाल आया था। अगर पेट्रोल की बात करें तो इसमें पिछले 23 दिनों से बढ़ोतरी नहीं हुई है। इसके दाम में अंतिम बार बीते 29 जून को बढ़ोतरी हुई थी, वह भी महज 5 पैसे प्रति लीटर. लेकिन डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे थे।
अपने उत्पाद को किसानों, सब्जी विक्रेताओं और कारोबारियों को मंडी तक पहुंचाने में बड़ी कंपनियों के मुकाबले ज्यादा खर्च करना पड़ता है। फलों के मामले में हालात कुछ ज्यादा ही अलग हैं। फलों को अलग-अलग राज्यों से पहले दिल्ली लाया जाता है। इसके बाद उनका पूरे देश में वितरण होता है. ऐसे में माल ढुलाई बढ़ने पर फलों की कीमतों में तेज वृद्धि हो सकती है।