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    Home»Top Story»आयकर विभाग ने टीडीएस फॉर्म में किया बदलाव
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    आयकर विभाग ने टीडीएस फॉर्म में किया बदलाव

    sonu kumarBy sonu kumarJuly 6, 2020Updated:July 6, 2020No Comments3 Mins Read
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    आयकर विभाग ने टीडीएस फॉर्म को व्यापक बनाने के लिए इसमें कुछ अहम बदलाव किए हैं। विभाग ने इनमें टैक्‍स (कर) की कटौती नहीं करने के कारणों की जानकारी देने को अनिवार्य कर दिया है। वहीं, बैंकों को नए फॉर्म में एक करोड़ रुपये से अधिक की नकदी निकासी पर ‘स्रोत पर की गई कर की कटौती’ (टीडीएस) की जानकारी भी देनी होगी।

    सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक ई-कॉमर्स ऑपरेटरों, म्यूचुअल फंड और कारोबारी ट्रस्टों की ओर से लाभांश वितरण, नकदी निकासी, प्रोफेशनल्स फीस शुल्क और ब्याज पर टीडीएस लगाने के लिए आयकर नियमों में भी बदलाव किया है। सीबीडीटी के मुताबिक ये बदलाव आयकर एक्ट 2020 के तहत किया गया है।

    एक्‍सपर्ट के मुताबिक देनी होगी ये जानकारी

    आयकर विभाग के इस बदलाव को लेकर फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स अमित रंजन का कहना है कि पहले की तुलना में नया टीडीएस फॉर्म व्यापक है। इसमें जिस रकम पर टीडीएस कटा है, उसके बारे में जानकारी तो देनी ही होगी। इसके अलावा अब करदाताओं को वो रकम भी डिसक्लोज करना अनिवार्य होगा, जिसपर किसी वजह से टीडीएस नहीं कटा है। कम दर पर टीडीएस कटने या टीडीएस बिल्कुल नहीं कटने की विभिन्न स्थिति के लिए अलग-अलग कोड उपलब्ध कराया गया है। वहीं, नियम 31-A में संशोधन के बाद ये अनिवार्य हो गया है कि करदाताओं को उस रकम के बारे में भी जानकारी देनी है, जिसका उसने भुगतान किया है या क्रेडिट किया है। लेकिन, इस पर टैक्स नहीं कटा है या कम दर पर टैक्स कटा है।

    फॉर्म 26क्यू और 27क्यू में भी हुआ बदलाव

    आयकर विभाग ने फॉर्म 26क्यू (26Q) और 27क्यू (27Q) के फॉर्मेट को भी संशोधित किया है, जिसमें ​विभिन्न आवासीय भुगतान पर टीडीएस कटने और डिपॉजिट करने के बारे में जानकारी देनी है। इसमें गैर-आवासीय भुगतान पर कटने वाले टीडीएस के बारे में भी जानकारी देनी होगी।

    ज्यादा कैश निकालने पर देना होगा टैक्स

    नया फॉर्म को 1 जुलाई, 2020 से ही लागू कर दिया गया है। आयकर विभाग ने टीडीएस नियमों में संशोधन करते हुए ज्यादा मदों में कैश निकासी करने वालों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न से लिंक कर दिया है। इसमें कोई भी बैंक, सहकारी संस्थान या पोस्ट ऑफिस से कैश निकालने वालों को शामिल किया जाएगा।

    आयकर दाखिल करने की स्थि‍ति में:- इसके तहत अगर कोई व्यक्ति ​बीते 3 साल से आयकर रिटर्न दाखिल कर रहा है और सालाना एक करोड़ रुपये तक का कैश निकासी करता है तो उन्हें कोई टीडीएस नहीं देना होगा। लेकिन, ​कैश निकासी की रकम एक करोड़ रुपये से अधिक होती है तो उन्हें 2 फीसदी टीडीएस देना होगा।

    आयकर दाखिल नहीं करने की स्थिति में:- इस नियम में ये भी कहा गया है कि यदि किसी ने पिछले 3 साल में आयकर रिटर्न ​दाखिल नहीं किया है और सालाना 20 लाख रुपये तक कैश निकासी करता है तो उन्हें टीडीएस नहीं देना होगा। वहीं, आईटीआर दाखिल नहीं करने की स्थिति में 20 लाख रुपये एक रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक के कैश निकासी पर 2 फीसदी टैक्स देना होगा, जबकि एक करोड़ रुपये से अधिक के कैश निकासी पर ये दर 5 फीसदी होगा।

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