New Delhi : कानपुर पुलिसकर्मी हत्‍याकांड का मुख्‍य आरोपी गैंगस्‍टर विकास दुबे एनकाउंटर में मार गिराया गया। शुक्रवार सुबह‍, मध्‍य प्रदेश से कानपुर लाते समय नाटकीय घटनाक्रम में विकास को मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। पुलिस के अनुसार, कानपुर के बर्रा में अचानक गाड़ी पलट गई। हादसे में विकास और कुछ पुलिसवाले घायल हुए। इसी बीच मौका पाकर, विकास ने स्‍पेशल टास्‍क फोर्स (STF) के एक अधिकारी की पिस्‍टल छीनी और भागने की कोशिश की। पुलिस ने सरेंडर करने को कहा मगर विकास नहीं माना। मुठभेड़ हुई और विकास को खत्‍म कर दिया गया। कई राजनीतिक दलों के करीबी रहे विकास दुबे का जिस तरह एनकाउंटर हुआ, उस पर विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाए हैं।

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दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है।

कांग्रेस के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि लोगों ने पहले ही आशंका जताई थी कि विकास दुबे का एनकाउंटर होगा। उन्‍होंने कुछ सवाल उत्‍तर प्रदेश सरकार और पुलिस से किए हैं।

बसपा सुप्रीमो और पूर्व सीएम मायावती ने विकास दुबे एनकाउंटर की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है। उन्‍होंने कहा कि तभी शहीद पुलिसकर्मियों के परिवार को इंसाफ मिलेगा।

TMC की लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि न्‍याय देने का काम अदालत का है। पुलिस का काम आरोपी को उसके आगे पेश करना है। उन्‍होंने हैरानी जताई कि ‘बीजेपी सरकार दोनों में कन्‍फ्यूज हो रही है।’

प्रियंका ने विकास के पैरोकारों पर पूछा सवाल
अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?

मध्‍य प्रदेश से कांग्रेस के राज्‍यसभा सांसद विवेक तनखा ने कहा कि विकास मरने के लायक था मगर अदालत के आदेश पर उसे फांसी होनी चाहिए थी। उन्‍होंने यूपी सरकार से पूछा कि क्‍या न्‍याय व्‍यवस्‍था पर से उसका विश्‍वास उठ गया है।

पहले सपा और अब कांग्रेस की मीडिया पैनलिस्‍ट पंखुड़ी पाठक ने कहा कि ‘विकास दुबे की हत्या करके उन आठ शहीद पुलिसकर्मियों के लिए न्याय की उम्मीद छीन ली गई।’

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