गिरिडीह। जिले के खुखरा थाना क्षेत्र के गम्हरा गांव के जंगल से पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई में भाकपा माओवादी नक्सली संगठन की एरिया कमांडर को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार महिला नक्सली पर झारखंड सरकार ने दो लाख रुपये का इनाम रखा था। महिला नक्सली विस्फोट कर पांच लोगों की हत्या करने, मुखबिरों की हत्या, मुठभेड़ और आगजनी सहित कई मामलों में शामिल रही है। इसके खिलाफ बोकारो में नौ और गिरिडीह के अलग-अलग थानों में चार मामले दर्ज हैं। शुक्रवार को गिरिडीह के एसपी अमित रेणू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी। एसपी ने बताया कि सूचना मिली थी कि भाकपा माओवादी संगठन की एरिया कमांडर सुनीता उर्फ कौशल्या उर्फ रमा खुखरा थाना क्षेत्र के गम्हरा गांव के जंगली क्षेत्र में मौजूद है और किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी में है। सूचना के बाद सीआरपीएफ और जिला पुलिस की संयुक्त टीम का गठन कर विशेष सर्च अभियान चलाया गया। इसमें सैट-15, गिरिडीह पुलिस का नेतृत्व गिरिडीह एसपी अमित रेणू और एडिशनल एसपी (अभियान) दीपक कुमार और डी/154 बटालियन सीआरपीएफ का नेतृत्व अजय कुमार रजनिकर एवं द्वितीय कमान अधिकारी मूलचंद कर रहे थे।
सर्च अभियान के दौरान महिला सुरक्षाकर्मियों ने दौड़ा कर पकड़ा
सर्च अभियान के दौरान गम्हरा गांव के पास जंगल में पहुंचने पर एक महिला संदिग्ध अवस्था में देखी गयी। जब उसे आॅपरेशनल टीम के द्वारा रुकने का इशारा किया गया तो वह भागने लगी। इस दौरान सर्च टीम के साथ मौजूद महिला सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया। पकड़ी गयी महिला से पूछताछ करने पर उसने अपना नाम सुनीता उर्फ कौशल्या उर्फ रमा बताया। वह बोकारो के चतरोपट्टी थाना क्षेत्र के चेतेखरना गांव की रहनेवाली है। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि वह भाकपा माओवादी नक्सली संगठन में एरिया कमांडर है और संतोष महतो उर्फ संजय महतो उर्फ बासुदेव की पत्नी है।
वर्ष 2000 से सक्रिय
उसने बताया कि वह साल 2000 से नक्सली गतिविधियों में सक्रिय है और पहले गिरफ्तार सक्रिय नक्सली नवीन मांझी दस्ते की प्रमुख सदस्य रह चुकी है। नक्सली नवीन मांझी की गिरफ्तारी के बाद संतोष महतो उर्फ संजय महतो की टीम में शामिल हुई। वर्तमान में वह झुमरा, कसमार और पारसनाथ एरिया में काम कर रही थी। गिरफ्तार महिला नक्सली ने बताया कि वह गिरिडीह जिला में 2008 में मधुबन थाना क्षेत्र स्थित पारसनाथ पहाड़ी में हुई मुठभेड़ में शामिल थी और साल 2010 में पीरटांड़ थाना क्षेत्र के पुरनानगर गांव से करीब एक किलोमीटर उत्तर गिरिडीह-डुमरी मुख्य मार्ग पर स्थित पुल को बारुदी सुरंग लगाकर एसआइएस के वाहन को विस्फोट कर उड़ा दिया था। इस हमले में पांच सिक्योरिटी गार्ड की मौत हो गयी थी। इन घटनाओं के अलावा वह कई आगजनी की घटनाओं और मुखबिरों की हत्या में शामिल रही है।