15 जुलाई तक तिल की बुवाई का समय बीत जाने के बाद कृषि विभाग ने किसानों तक बीज पहुंचाने का कार्य शुरू किया है। वह भी तब जब बुवाई का समय बीत चुका है और किसानों के खेत पानी से लबालब भर चुके हैं। निःशुल्क मिलने वाले बीज को लेकर संशय में हैं कि इन बीजों का क्या करें?
इधर, सोयाबीन का बीज मिलने में भी देर हो रही है। विभागीय सूत्रों की मानें तो आपूर्ति करने वाली संस्था नेफेड ने जहां तिल के बीज की आपूर्ति समय से नहीं कि, वहीं सोयाबीन बीज की खेप अब तक नहीं पहुंचाया है।
गोरखपुर-बस्ती मण्डल में 15 क्विंटल तिल का बीज वितरण के लिए कृषि विभाग के ब्लाक स्तरीय बीज केंद्रों पर उपलब्ध कराया गया है। इसे किसानों में निःशुल्क वितरित किया जाना है। मध्य जून से 15 जुलाई तक बोए जाने वाली इस फसल के बीज के लिए किसान लगातार कृषि कार्यालयों का चक्कर लगा रहे थे। इसी बीच बरसात ने दस्तक दे दी और लगातार होने वाली बरसात की वजह से उनके खेतों में बरसाती पानी भर गया। इतना ही नहीं, सोयाबीन की बुवाई का समय भी बीतने को है, लेकिन इस बीज की आपूर्ति भी अभी नहीं हो सकी है।
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