भारत को जल्दी ही कोरोना वायरस की वैक्सीन मिलने जा रही है। देश में बनाई गई वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल लगभग शुरू होने की कगार पर हैं। बताया जा रहा है कि इन ट्रायल के दौरान भारत बायोटेक द्वारा तैयार वैक्सीन, ऑक्सफोर्स यूनिवर्सिटी और फार्मा कंपनी जाइडस कैडिला द्वारा विकसित की गई वैक्सीन के ट्रायल किए जाएंगे।
इसके अलावा सरकार ने देश में 6 अन्य जगहें भी तय की हैं जहां जरूरत पड़ने पर ट्रायल किए जाएंगे। इन ट्रायल्स के लिए कंपनियों के पास अच्छी खासी तादाद में वॉलंटियर्स है और हर ट्रायल की जगह पर कुछ हजार वॉलंटियर्स और प्रशिक्षित कर्मचारी मौजूद हैं।
इस बारे में बायोटेक्नोलॉजी विभाग के सचिव डॉ. रेनू स्वरूप ने बताया कि ट्रायल तैयार हैं। लेकिन इस दौरान उन वॉलंटियर्स की पहचान करना, जिन्हें पहले कोरोना हो चुका है या उन्हें संक्रमण हुआ लेकिन उनमें लक्षण नहीं दिखे साथ ही स्वस्थ लोगों की पहचान करना क्लीनिकल ट्रायल में बेहद मुश्किल काम होता है।
साथ ही स्वरूप ने ये भी बताया कि जिन जगहों पर ह्युमन ट्रायल होना है उन्हें नेशनल बायोफार्मा मिशन और ग्रांड चैलेंज इंडिया प्रोग्राम द्वारा बनाया गया है। यहां बता दें कि देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में रिसर्च करने के लिए सरकार और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की साझेदारी है।
ये भी बता दें कि जिन 5 जगहों पर वैक्सीन के ह्युमन ट्रायल होंगे, उनमें पलवल- KEM, पुणे-सोसाइटी फॉर हेल्थ अलाइड रिसर्च, INCLEN ट्रस्ट इंटरनेशनल, हैदराबाद- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमोलॉजी, वेल्लोर, तमिलनाडु, चेन्नई-क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज शामिल हैं।
वहीँ, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा बनाई गई कोरोना वैक्सीन तीसरे चरण में है। इस वैक्सीन के भारत में ह्युमन ट्रायल के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ने सरकार से मंजूरी मांगी है। जिसके लिए सीरम ने फेज 3 के ट्रायल में करीब 5000 वॉलंटियर्स को मुंबई और पुणे जैसे शहरों से शामिल किए जाने की जानकारी दी है।
वहीँ, जाइडस कैडिला फेज 2 के और भारत बायोटेक फेज 1 का ट्रायल करेंगी और अक्टूबर में जिनोवा बायो फार्मास्यूटिकल्स फेज 1 के ट्रायल शुरू कर सकती है।