कोरोना महामारी को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने डॉक्टर्स डे के मौके पर चार देशों (ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूनाइटेड किंगडम और भारत) की भारतीय नर्सों से बात की। संकट की इस घड़ी में अथक परिश्रम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को सलाम करते हुए राहुल ने कहा कि इन फ्रंटलाइन वॉरियर्स की वजह से ही आज लोग इतनी बड़ी बीमारी से लड़ने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने हेल्थकेयर वीरों को सलाम करते हैं।
डॉक्टर दिवस के मौके पर भारतीय नर्सों से बात करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि सरकारें इस धारणा को मैनेज करने की कोशिश कर रही हैं कि समस्या उतनी भी बुरी नहीं जितनी दिख रही है। लेकिन मेरा मानना है कि हमें समस्या का सामना करना होगा, इसलिए हमें समस्या को स्वीकारना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि आप हमारे देश के प्रतिनिधि बनकर इस कोरोना संकट के दौरान पूरे विश्व में अपनी सेवाएं दे रहे हो। यह हमारे पूरे देश के लिए गर्व की और सम्मान की बात है।
राहुल गांधी के साथ बातचीत के लिए न्यूज़ीलैंड से अनु रागनात, ऑस्ट्रेलिया से नरेंद्र सिंह, यूके से शैर्ली इमोल और एम्स दिल्ली से विपिन कृष्णन जुड़े थे। राहुल ने उनसे पूछा कि विदेशों में इसे कैसे देखा जा रहा है। वहीं वो इससे कैसे जूझ रहे हैं, इस पर सभी ने बताया कि शुरुआत में इस बीमारी को फ्लू समझकर बहुत गंभीरता से नहीं लिया गया था। बाद में अस्पतालों में अतिरिक्त सुरक्षा बरती जाने लगी।
यूनाइटेड किंगडम (यूके) की डॉक्टर शैर्ली इमोल ने कहा कि पहले तो देश में जब इस बीमारी के मरीज मिले तो समझ नहीं आया कि इसका इलाज कैसे किया जाए। लेकिन फिर सुरक्षात्मक कदम उठाते हुए पीपीई किट एवं मास्क आदि की व्यवस्था की गई। उन्होंने बताया कि लगातार ड्यूटी पर रहने के कारण घर संभालने में काफी दिक्कत हुई, तब उनके पति ने बहुत सहयोग करते हुए घर और बच्चों को संभाला। शैर्ली ने यह भी कहा कि भले ही कोरोना की वजह से हालात कितने भी खराब हुए हो लेकिन ब्रिटेन में लोग डॉक्टरों का काफी सम्मान करते हैं।
एम्स में काम करने वाले केरल के डॉक्टर विपिन कृष्णन ने कहा कि दिल्ली में टेस्टिंग काफी कम हो रही है और लोगों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली में पहले सिर्फ सात हजार टेस्ट कर रहे थे लेकिन जब टेस्टिंग बढ़ी तो पॉजिटिव रेट बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर दिल्ली में पांच लाख केस की बात हो रही है तो सिर्फ दस हजार बेड से कैसे काम चल पाएगा। विपिन ने बताया कि दिल्ली में दो नर्स की डेथ हो गई। इस पर दिल्ली सरकार ने एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद करने की बात कही लेकिन अब तक परिवार को वह मदद नहीं मिली है। अगर परिवारों को मदद नहीं मिलती है तो काफी दिक्कत होगी। इस पर राहुल ने कहा कि वो दिल्ली सरकार को चिट्ठी लिखेंगे और मदद का वादा पूरा करने को कहेंगे।
न्यूजीलैंड की डॉक्टर अनु रागनात ने कहा कि यहां ऑकलैंड जैसे शहर काफी भीड़ वाले हैं, ऐसे में यहां पर काफी लोगों की जान जा सकती थी। लेकिन यहां की सरकार ने बहुत अच्छा काम किया और शुरुआत में ही सख्त रुख अपनाया।
ऑस्ट्रेलिया से भारतीय डॉक्टर नरेंद्र सिंह ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब कोरोना शुरू हुआ तब लगा कि ये एक सामान्य फ्लू होगा लेकिन जब इससे जान जाने लगी तो स्थिति की गंभीरता का अहसास हुआ। इसके बाद अलग-अलग मोर्चों पर तैयारी शुरू हुई। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग के जरिए ही कोरोना वायरस को ट्रैक किया जा सकता है और इसे रोकने की कोशिश हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कई विशेषज्ञों से बात की है। इसमें अर्थव्यवस्था के दिग्गज से लेकर बिजनेसमैन और बड़े मेडिकल एक्सपर्ट्स सभी शामिल रहे हैं। इस कड़ी में उन्होंने आज डॉक्टर और नर्स से बात की।