नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के विवादित बयान को अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह ने बेतुका बताया है। उन्होंने कहा कि नेपाल के प्रधानमंत्री चीन की भाषा बोल रहे हैं। उन्हें इतिहास की कोई जानकारी नहीं है। आदिकाल से सभी ग्रंथों में अयोध्या को सरयू नदी के किनारे ही बताया गया है। यहीं भगवान राम का जन्म हुआ, माता सीता जनकपुर से अयोध्या आईं।
उन्होंने पूछा है कि किस ग्रंथ में नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा को अयोध्या नेपाल में भी दिखाई दी? नेपाल के प्रधानमंत्री ओली चीन के इशारे पर बोलते-बोलते अब लोगों की आस्था से भी खेलने लगे हैं। राम की नगरी अयोध्या को नकली बताते हैं, जो नेपाल के लोग भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। अयोध्या एक ही है जो सरयू नदी के किनारे है और आज से नहीं आदिकाल से है।
हिन्दुस्थान समाचार के साथ बात करते हुए सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि नेपाल से हमारे अच्छे राजनीतिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं। नेपाल को जब भी आवश्यकता हुई है, भारत उनके सुख-दुख में हमेशा साथ रहा है। नेपाल की जनता भी भारत को अपना हितैशी मानती है। चीन के इशारे पर नेपाल के प्रधानमंत्री अब बेतुकी बातें करने लगे हैं। इस बार तो उन्होंने आस्था पर ही वार कर दिया, जिसका जवाब नेपाल की जनता उन्हें देगी। भारत के लोगों के साथ-साथ नेपाल के लोगों की भी आस्था भगवान राम में है। आने वाले दिनों में नेपाल के प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए इस तरह के बयान का जवाब उन्हें जरूर मिलेगा, उनकी जनता ही उन्हें जवाब देगी।
उल्लेखनीय है कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारतीय आस्था को चुनौती दी है। ओली ने विवादित दावा किया है कि भगवान राम का जन्म स्थान अयोध्या नेपाल में है। उन्होंने यह भी दावा किया कि भगवान राम नेपाली थे। काठमांडु में पीएम आवास में सोमवार को आयोजित एक कार्यक्रम में ओली ने कहा था कि अयोध्या असल में नेपाल के बीरभूमि जिले के पश्चिम में स्थित थोरी शहर में है। भारत दावा करता है कि भगवान राम का जन्म वहां हुआ था। उसके इसी लगातार दावे के कारण हम मानने लगे हैं कि देवी सीता का विवाह भारत के राजकुमार राम से हुआ था, जबकि असलियत में अयोध्या बीरभूमि के पास स्थित एक गांव है। नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने भारत पर सांस्कृतिक अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए कहा भारत ने एक नकली अयोध्या का निर्माण किया है।