टेक्नोलॉजी क्षेत्र में दुनिया की चार सबसे बड़ी कंपनियों के CEO बुधवार को अमेरिकी संसद की कमेटी (US Committee of Parliament) के सामने पेश हुए. गूगल , अमेजन, एपल और फेसबुक के CEO पर अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करने का आरोप है. इन कंपनियों पर आरोप है कि ये अपनी ताकत के दम पर अपने प्रतिस्पर्धियों को दबा रहे हैं.
सांसदों ने पूछे कई कड़े सवाल
Antitrust Subcommittee के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बुधवार को पेशी हुई. इसमें रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स सांसदों ने चारों कंपनियों के CEOs से कई कड़े सवाल पूछे. चारों कंपनियों से अलग-अलग मामलों को लेकर पूछताछ हुई.
Antitrust Subcommittee के अध्यक्ष डेविड सिसिलाइन (डेमोक्रेट) ने कहा, “इस मामले में एक साल से चली आ रही जांच में पाया गया है कि इन बड़ी कंपनियों ने अपने विस्तार के लिए अपनी ताकत का विध्वंसक तरीके से इस्तेमाल किया. इन कंपनियों ने बाजार में अपना एकाधिकार बनाया है और इन पर कार्रवाई जरूरी है.”
सुनवाई के दौरान सांसदों ने गूगल पर कंटेन्ट चोरी करने का आरोप लगाया. इसमें कहा गया कि गूगल यूजर्स को अपने वेब पेज पर बनाए रखने के लिए Yelp जैसे छोटे फर्म्स के कंटेन्ट चुरा रहा है.
CEOs ने ऐसे किया बचाव
दूसरी तरफ, सुंदर पिचाई (गूगल), जेफ बेजॉस (एमेजॉन), टिम कुक (एप्पल) और मार्क जकरबर्ग (फेसबुक) ने इस तरह के आरोपों को गलत बताया. उनका कहना था कि वो सब कुछ अमेरिकी मूल्यों को ध्यान में रखते हुए कर रहे हैं.
इन कंपनियों का कहना था कि उनके प्रोडक्ट्स ने छोटे व्यवसायों की मदद की है. साथ ही वो आज भी न्यूकमर्स के लिए कंपटीशन में बने हुए हैं.
एपल के बॉस टिम कूक ने कहा, “बिजनेस का माहौल हमेशा ही कंपटीशन भरा रहा. स्मार्टफोन्स के बिजनेस में मार्केट शेयर के लिए यह स्ट्रीट फाइट से कम नहीं था.”