कोरोना वायरस की दूसरी लहर पर थोड़ी लगाम जरूर लगी है लेकिन जानलेवा महामारी अभी भी आपके और हमारे बीच ही है। लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद लोग भारी संख्या में पहाड़ी इलाकों में छुट्टियां बिताने जा रहे हैं, हालात तो ऐसे हैं कि होटलों में रूम मिलने मुश्किल हो गया है। पर्यटन स्थलों पर टूरिस्ट की आई बाढ़ पर विशेषज्ञों ने चिंता जताई है। यकृत व पित्त विज्ञान संस्थान (आइएलबीएस) के निदेशक डॉ. एसके सरीन ने कहा कि टूरिस्ट अपने साथ वायरस भी लाएंगे और भीड़ की वजह से यह तेजी से फैलेगा।

रविवार को अपने एक इंटरव्यू में डॉ. एसके सरीन ने कोरोना वायरस और इसके स्ट्रेन को लेकर परेशान करने वाली आशंका जताई। उन्होंने कहा डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर देश में बड़ी संख्या में मरीज सामने नहीं आए हैं, लेकिन यह हमरे बीच मौजूद है। डेल्टा को लेकर अभी चिंता थी ही कि लैम्ब्डा वेरिएंट को लेकर भी परेशानी बढ़ गई है। यह हमारे देश के किसी हिस्से से रिपोर्ट नहीं किया गया है लेकिन यह आ सकता है। दूसरी लहर अभी पूरी तरह काबू में नहीं आई है, अगर देशभर से आने वाला कोई पर्यटक किसी हिल स्टेशन पर पहुंचता है तो वह अपने साथ वायरस लाएगा और भीड़ के आपस में मिलने के कारण यह सुपर स्प्रेडर होगा।

डॉ. सरीन ने आगे कहा, ‘वायरस आने वाले दिनों में यह घातक हो सकता है। जब तक लोग यह वादा नहीं करते कि वह कोरोना नियमों का उल्लंघन नहीं करेंगे, तब तक मुझे लगता है कि यात्राएं बहुत खतरनाक हैं। यह हानिकारक हो सकता है अगर वह प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते। टूरिस्ट की गतिविधियों पर सावधानीपूर्वक निगरानी की जानी चाहिए।’

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