रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली पीवी सिंधू से टोक्यो में भी इतिहास दोहराने की उम्मीदें हैं। सिर्फ सिंधू ही नहीं बल्कि भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में पहली बार विश्व नंबर 10 सात्विक साईराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने युगल में पदक आस बंधाई है। विश्व रैंकिंग में 15वें स्थान पर बी साई परणीथ पुरुष एकल में ओलंपिक में चुनौती पेश करेंगे।

सिंधू को 2019 में विश्व चैंपियन बनाने में कोरियाई कोच किम जी ह्यून का बड़ा हाथ था। इस बार भी सिंधू से उनका सर्वश्रेष्ठ निकलवाने की जिम्मेदारी कोरियाई कोच पार्क ताई सुंग के जिम्मे है। सिंधू हैदराबाद के गोच्चीबाउली स्टेडियम और सुचित्रा अकादमी में टोक्यो के लिए तैयारियां कर रही हैं।

सिंधू के लिए टोक्यो में राह आसान नहीं होगी। नंबर छह सीड के रूप में उतरने वाली सिंधू के सामने टॉप सीड चेन यू फेई, दूसरी सीड ताइवान की ताई जू यिंग, तीसरी सीड जापानी नाजोमी ओकुहारा, चौथी जापानी अकाने यांमागुची, पांचवी सीड थाईलैंड की रत्नाचोक इंतेनॉन को हराने की चुनौती होगी। क्वार्टर फाइनल में वह किसी जापानी या फिर ताई जू से टकरा सकती हैं। ताई, ओकुहारा, रत्नाचोक, चेन यू फेई के खिलाफ सिंधू ने अपने अंतिम मुकाबले हारे हैं। सिर्फ यामागुची को को उन्होंने ऑल इंग्लैंड में हराया है। 2019 में विश्व चैंपियन बनने के बाद सिंधू ने कोई बीडब्लूएफ खिताब नहीं जीता है। ताई के खिलाफ 18 में से वह 13, रत्नाचोक के खिलाफ 10 में से छह मुकाबले हार चुकी हैं। ओकुहारा से 10-8 और यामागुची से 11-7 की बढ़त पर हैं।

यह मलेशियाई कोच तान किम हर थे जिन्होंने गोपीचंद अकादमी चल रहे राष्ट्रीय शिविर में पहली बार सात्विक साईराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी बनवाई। वरना दोनों अलग-अलग जोड़ीदार के साथ खेलते थे। देखते ही देखते ही तान और कोच विजयदीप सिंह ने सात्विक के स्मैश और चिराग को नेट पर ताकतवर बना दिया। नतीजा यह निकला कि दोनों ने थाईलैंड ओपन के रूप में सुपर सीरीज का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय जोड़ी बनने का गौरव हासिल किया।

राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच विजयदीप सिंह ने कहा, सिंधू को मैंने राष्ट्रीय शिविर में बेहद करीब से तैयारी करते देखा है। वह ऐसी शटलर हैं जो कभी हार नहीं मानती हैं। यही उनकी ताकत है।

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