गुजरात में व्यापारियों के लिए शनिवार को टीकाकरण का आखिरी दिन है और अभी तक डेढ़ लाख से अधिक व्यापारियों को टीका लगाया जाना बाकी है। ऐसे में अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर टीकाकरण की अवधि 30 अगस्त तक बढ़ाने की मांग की है।

व्यापारियों का कहना है कि शहर में टीकाकरण की गति धीमी पड़ रही है, जिससे व्यापारियों व उनके कर्मचारियों को टीका नहीं लग पा रहा है।

सरकार ने व्यापारियों को 31 जुलाई तक टीकाकरण अनिवार्य करने का निर्देश दिया था। इसके पहले अखिल भारतीय व्यापारियों के परिसंघ ने टीकाकरण को 31 अगस्त तक बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री विजय रूपानी को एक आवेदन प्रस्तुत किया है। उनका कहना है कि टीका उपलब्ध नहीं होने से दिक्कतें आ रही हैं।

कैट के अध्यक्ष प्रमोद भगत के मुताबिक,शहर के 1.5 लाख व्यापारियों का टीकाकरण किया जाना है। एक तरफ सरकार अनिवार्य टीकाकरण पर जोर दे रही है और दूसरी तरफ पर्याप्त वैक्सीन नहीं है। इस बीच, शुक्रवार को 22 हजार,668 लोगों का टीकाकरण किया गया। इससे व्यापारियों को ग्रीन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया में तेजी आएगी। शनिवार को कुल 107 केंद्रों पर टीकाकरण का कार्यक्रम तय था। गर्भवती महिलाओं के लिए आठ केंद्रों पर सुविधा होगी|

फोस्टा के निदेशक रंगनाथ शारदा ने कहा कि सरकार ने 150 बाजारों में 60 हजार दुकानों में काम करने वाले कारीगरों और व्यापारियों के लिए 31 जुलाई की समय सीमा तय की है। व्यापारियों को वैक्सीन लेने का निर्देश दिया गया है| इसे लेकर सूरत के कपड़ा बाजार के व्यापारी नाराज हैं। सरकार ने बाजार में वैक्सीन की पर्याप्त खुराक उपलब्ध नहीं कराई है। पर्याप्त केंद्र आवंटित नहीं किए गए हैं, जिसके लिए 40 प्रतिशत व्यापारियों और 50 प्रतिशत कारीगरों को अभी तक टीका नहीं लगाया जा सका है। करीब 60 हजार दुकानों और अनुमानित चार लाख कारीगरों के लिए केवल चार वैक्सीन केंद्र बनाए गए हैं।

आरोप है कि कपड़ा बाजार में दो माह से चल रहे टीकाकरण केंद्र 25 दिनों से टीकों के अभाव में बंद थे। इसलिए कभी 100 तो कभी 200 डोज ही दी जा रही हैं। इस बात के कोई संकेत नहीं थे कि 31 जुलाई तक टीके का पूरा कार्यक्रम बाजार में पूरा हो जाएगा। सिस्टम की गाइडलाइन के मुताबिक जिन लोगों ने 31 जुलाई तक बाजार में वैक्सीन नहीं ली है, उन पर सिस्टम द्वारा मुकदमा चलाया जाएगा। सरकार ने सूरत के कपड़ा बाजारों में उन व्यापारियों की दुकानों को सील करने की धमकी दी है, जिन्हें व्यापारियों और उनके कारीगरों ने 31 जुलाई तक टीका नहीं लगाया है। इसके खिलाफ व्यापारी लड़ाई का मन बना रहे हैं।

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