रांची। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने पार्टी के जिलाध्यक्षों और नेताओं के नाम एक पत्र जारी किया है। उसमें निर्देश दिया गया है कि बगैर पार्टी की इजाजत के जिलाध्यक्ष और अन्य पार्टी पदाधिकारी राज्य से बाहर की यात्रा न करें। इस पत्र को लेकर जमीनी कांग्रेसी नेताओं का गुस्सा फूट पड़ा है। गुरुवार को कांग्रेस की राष्टÑीय सचिव दीपिका पांडेय सिंह और कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा, संजय लाल पासवान की अगुवाई में पार्टी के कई जिला के अध्यक्ष और करीब तीस-पैंतीस नेता-कार्यकर्ता राजधानी रांची के मोरहाबादी स्थित संगम गार्डेन में बैठक की। इसमें वक्ताओं ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, विधायक दल के नेता और अन्य दो अन्य मंत्रियों के खिलाफ अपनी भड़ास निकाली। उनका कहना था कि ये मंत्री सिर्फ अपनी करते हैं। पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं की सुध नहीं लेते। उनकी पीड़ा नहीं समझते। नेताओं ने कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने जो आदेश निर्गत किया है, उससे तानाशाही की बू आ रही है। कहा कि पार्टी में इंस्पेक्टर राज नहीं चलेगा। जिलाध्यक्ष या प्रखंड अध्यक्ष को कोई तनख्वाह नहीं मिलती। उन्हें यह निर्देश नहीं दिया जा सकता कि वह दिल्ली जायेंगे या नहीं जायेंगे। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष को भी बदलने की मांग उठी। नेताओं ने कहा कि पार्टी में एक व्यक्ति एक पद लागू होना चाहिए। पार्टी पहले है, तब कार्यकर्ता हैं। कार्यकर्ता सच्चे सिपाही हैं, उन्हें सम्मान मिलना ही चाहिए। उनका कहना था कि जिला के पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी कांग्रेस के नेताओं-कार्यकर्ताओं को तरजीह नहीं देते। इसकी शिकायत करने पर भी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कुछ नहीं करते। सरकार में शामिल मंत्री अपनी जुबान नहीं खोलते। इन लोगों को सिर्फ अपने से मतलब है। बता दें कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव के निर्देश पर कार्यालय प्रभारी सह कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश की ओर से एक चिट्ठी जारी की गयी है। चिट्ठी में कहा गया है कि आउटरीच सर्वे अभियान जारी है। ऐसे में बहुत जरूरी हो, तभी नेता अपने क्षेत्र को छोड़ कर दूसरी जगह जायें और जाने से पहले इसकी सूचना दें। चर्चा है कि प्रदेश नेतृत्व नेताओं, विधायकों को दिल्ली जाने से रोकना चाहता है। इस कारण इस तरह का पत्र जारी किया है।

पार्टी में पुलिसिया रवैया नहीं चलेगा: मानस
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा ने बैठक की समाप्ति के बाद प्रेस से कहा कि पार्टी के अंदर क्या चल रहा है, इसकी जानकारी पार्टी के सिपाहियों ने दी है। जो भी बातें सामने आयी हैं, उन्हें उचित प्लेटफॉर्म पर रखा जायेगा। आउटरीच अभियान तक जिला नहीं छोड़ने की बात पर मानस सिन्हा उबल गये। उन्होंने कहा कि पत्र में जो लैंग्वेज का इस्तेमाल किया गया है, वह गलत है। हम संगठन चला रहे हैं। किसी भी जिलाध्यक्ष या कार्यकर्ता को सैलेरी नहीं दे रहे हैं। पुलिसिया रवैया ठीक नहीं है। जिलाध्यक्ष समेत यूथ कांग्रेस के नेताओं से फीडबैक लिया गया है। इसे आलाकमान तक पहुंचाया जायेगा। नेताओं को सैलेरी नहीं मिलती है। इस कारण पत्र में इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।

संगठन को परिवार की तरह चलायें: दीपिका
कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि संगठन एक परिवार है, इसे उसी तरह से चलाना चाहिए। यह सत्ता और संगठन के लोगों की भी जिम्मेवारी बनती है। बहुत सारी बातें हुई हैं। उन बातों से पार्टी आलाकमान को अवगत कराया जायेगा। उन्होंने स्वीकार किया कि बैठक में शामिल नेताओं ने पार्टी के रवैये पर सवाल उठाया है। कहा है कि पुलिस-प्रशासन उनकी नहीं सुनता। पार्टी में भी नहीं सुनी जा रही है। इन सब बातों को उचित फोरम पर उठाया जायेगा। उन्होंने कहा कि हम सत्ता में हैं, इसका मतलब यह नहीं कि हम गलत नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि पुलिस ने तो खुद मेरे ऊपर केस कर दिया। कई कार्यकर्ता-नेताओं के साथ ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा कि इन सब बातों को आलाकमान तक पहुंचायेंगे।

कौन-कौन थे उपस्थित
दीपिका पांडेय सिंह, मानस सिन्हा, संजय लाल पासवान, सिमडेगा जिलाध्यक्ष अनूप केसरी, पलामू जिलाध्यक्ष बिट्टू पाठक, कुमार राजा, महिला प्रदेश अध्यक्ष गुंजन सिंह, ईश्वर आनंद, अभिजीत राज, पारितोष सिंह, परमिंदर सिंह सहित लगभग तीन दर्जन नेता उपस्थित थे।

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