राज्य गठन के बाद से वन क्षेत्र में 1625 स्क्वायर किमी की वृद्धि
राज्य का 34 प्रतिशत क्षेत्र वनाच्छादित
2021 में 1.65 करोड़ पौधा लगाने का लक्ष्य निर्धारित
नसीम अहमद
अनगड़ा। सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड का सम्मान यहां के जंगल, पहाड़ और नदियां हैं। अगर ये समाप्त हुए तो राज्य का सम्मान स्वत: समाप्त हो जायेगा। हमारे पूर्वजों ने हम सब के लिए प्रकृति का अमूल्य उपहार छोड़ा है। अगर जल, जंगल और जमीन को नहीं सहेज सके तो यह दु:खद होगा। ये जीवन जीने के आधार हैं। पर्यावरण संरक्षण की बातें तो हम बहुत करते हैं। अगर उन बातों पर हम खरा उतरे तो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचेगा। वनों के महत्व को समझने की आवश्यकता है, लेकिन चिंता का विषय भी हमारे समक्ष है कि जिस प्रकार हम विकास की सीढ़ियां चढ़ रहे हैं, उससे विनाश को भी आमंत्रण दे रहे हैं। अगर सामंजस्य नहीं बैठाया तो मानव को ही खामियाजा भुगतना पड़ेगा। महामारी समेत कई घटनाएं अच्छा संकेत नहीं दे रही हैं। मुख्यमंत्री वन, पर्यावरण एवं जलवायु विभाग द्वारा गांधीग्राम, महेशपुर अनगड़ा में आयोजित 72वां वन महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा विकास के नाम पर पहाड़ और खदान खोदे जा रहे हैं। जंगल उजड़ रहें आधारभूत संरचना और उद्योग के लिए। इस दिशा में ध्यान देने की आवश्यकता है।

जरूरी है पानी का संरक्षण
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव का सृजन पानी के इर्दगिर्द हुआ है। यह विकास के मार्ग को भी प्रशस्त करता है। जल कई युगों तक हमें संभाल सकता है। रांची में कई बड़े तालाब और डैम हैं। लेकिन ऐसे जगहों पर बन रहे कंक्रीट के जंगल अच्छा संकेत नहीं दे रहे हैं। इन जलाशयों के संरक्षण के प्रति हम गंभीर नहीं हुए तो गंभीर परिणाम देखने को मिल सकता है।

खाली भूमि पर पौधा लगाने का दिया निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सरकारी खाली भूमि पर पौधरोपण का कार्य करें। साथ ही वन विभाग लोगों के बीच फलदार पौधा का वितरण करे, ताकि लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हो सकें।

कार्यक्रम में इनकी रही मौजूदगी
राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू, विधायक राजेश कच्छप, अपर मुख्य सचिव एल ख्यांगते, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्रियेश कुमार वर्मा समेत अन्य उपस्थित थे।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version