रांची। झारखंड हाइकोर्ट के फटकार के बाद मंगलवार को रांची जिला प्रशासन की ओर से हिनू नदी में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। बिरसा चौक के समीप कटहर कोचा से शुरू होकर यह अभियान बंधु नगर तक चला। इस दौरान नदी के डूब क्षेत्र में बनाये गये 10 भवनों को तोड़ा गया। भवन को तोड़ने के बाद प्रशासन के कर्मचारियों ने इसकी मार्किंग की। मौके पर उपस्थित अरगोड़ा सीओ अरविंद ओझा ने बताया कि हिनू नदी पर 75 लोगों द्वारा भवन व बाउंड्री वॉल का निर्माण किया गया है। हम ऐसे सभी अतिक्रमणकारी से अपील कर रहे हैं कि वे स्वेच्छा से अतिक्रमित भूमि पर बनाये गये घरों को तोड़कर नदी के जमीन को अतिक्रमण मुक्त कर दें। अन्यथा प्रशासन ऐसे सारे संरचनाओं को जेसीबी लगाकर तोड़ने का काम करेगी।

जिला प्रशासन और निगम की टीम द्वारा जब अतिक्रमण अभियान का शुरुआत किया गया। तो शुरुआत में मोहल्ले के लोग एकजुट हो गये। लोगों ने कहा कि हमने पाई-पाई जमा कर मकान का निर्माण कराया है। ऐसे में अचानक इसे हम नहीं तोड़ने देंगे। गुस्साये लोगों का कहना था कि जब भवन का निर्माण हो रहा था। उस समय प्रशासन ने क्यों नहीं रोका। अगर उस समय ही रोक दिया जाता तो आज यह दिन ही नहीं आता। इस पर सीओ ने कहा कि नदी के जमीन पर अतिक्रमण करना गैर कानूनी है। इसलिए जो भी घर बने हैं। उन्हें हर हाल में तोड़ा जायेगा। इसके बाद एक-एक कर घरों को तोड़ा गया। अतिक्रमण अभियान के दौरान लोगों का गुस्सा जमीन दलालों पर देखने को मिला। लोगों ने कहा कि वह जमीन दलालों के चंगुल में आ गये। दलालों ने हमसे कहा कि घर के बगल का जमीन है। ले-लो इस प्रकार से किसी ने 80 हजार तो किसी ने एक लाख रुपये प्रति डिसमिल के दर से जमीन खरीदा। हमें क्या पता था कि इतनी सस्ती जमीन हमें इसलिए मिल रही है कि वह जमीन नदी की है।

दूसरी और बताया गया कि बकरीद के कारण बुधवार को अतिक्रमण का काम बंद रहेगा । इसके बाद गुरुवार से एक बार फिर से जाेरदार तरीके से अतिक्रमण अभियान की शुरुआत होगी। इस दिन एक साथ कांके डैम व हिनू नदी में अतिक्रमण अभियान चलाया जायेगा।

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