सीसीएल कर्मचारी के 40 लाख की जमीन हड़पने की बनायी थी योजना
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। पुलिस की वर्दी पहन कर प्रदेश के चर्चित पांडेय गिरोह नामक गैंग के लिए एक होमगार्ड जवान ऋषिकेश कुमार सिंह काफी लंबे अर्से से काम कर रहा था। पुलिस और गैंगस्टर की धमकी देकर उसके द्वारा कई काले कारनामे और अपराध को अंजाम दिया गया था। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब एक सीसीएल कर्मी कैलाश राम की 40 लाख रुपये मूल्य की जमीन को हड़पने की साजिश ऋषिकेश सिंह के द्वारा रची गयी। इस मामले में 15 जुलाई को रजरप्पा थाने में एक कांड भी दर्ज किया गया। जिसमें पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए रामगढ़ शहर के दीनबंधु नगर निवासी ऋषिकेश कुमार सिंह पिता श्याम किशोर प्रसाद, किसान नगर निवासी सुनील मोदी पिता वासुदेव मोदी और चट्टी बाजार, बंगाली टोला निवासी चिंटू गुप्ता उर्फ अभिनय गुप्ता को पुलिस ने जेल भेज दिया।
धमकी देकर एग्रीमेंट पर करवाया गया था हस्ताक्षर
होमगार्ड के जवान ऋषिकेश और उसके दोनों साथी सुनील मोदी और पिंटू गुप्ता पर धमकी देकर जबरन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करवाने का आरोप है। रजरप्पा थाने में सीसीएल कर्मी कैलाश राम की पत्नी किरण देवी ने प्राथमिकी दर्ज करायी है। किरण देवी ने पुलिस को बताया कि वे लोग रजरप्पा कॉलोनी में रहते हैं। वे मूल रूप से गोला थाना क्षेत्र के बंदा गांव के रहने वाले हैं। 26 जून को ऋषिकेश अपने 7-8 साथियों के साथ रात करीब 8:00 बजे उनके क्वार्टर में आया। उसने धमकी देते हुए कहा कि हम पुलिस के आदमी हैं। साथ ही पांडेय गिरोह के लिए भी काम करते हैं। उसने मेरे पति कैलाश राम से जमीन का ओरिजिनल कागजात मंगवाया। इसके बाद उन लोगों के द्वारा एग्रीमेंट पेपर बनवा कर लाया गया था, जिसपर जबरन हस्ताक्षर करवाया गया। इस दौरान उन लोगों ने डेढ़ लाख रुपये भी उन्हें दिये। लेकिन मेरे पति से चार ब्लैंक चेक भी हस्ताक्षर करवा कर ले लिया। वे लोग जाते समय यह धमकी दिये कि अगर यह बात किसी को बताओगे तो अंजाम बुरा होगा। जल्द से जल्द जमीन की रजिस्ट्री कर दो।
12 डिसमिल जमीन पर कई महीनों से थी उनकी नजर
किरण देवी ने पुलिस को बताया कि आपराधिक प्रवृत्ति के इन लोगों की नजर काफी दिनों से उनकी 12.6 डिसमिल जमीन पर पड़ी थी। यह जमीन गोला थाना क्षेत्र अंतर्गत मौजा घासी केनके के खाता नंबर 15, प्लॉट नंबर 110 की है। उस जमीन को रजिस्ट्री करने के लिए काफी दिनों से धमकी दी जा रही थी। उन लोगों ने एग्रीमेंट कराने के बाद कोई भी दस्तावेज इन लोगों को नहीं दिया। साथ ही जमीन का ओरिजिनल कागजात भी लेकर चले गये।