डॉक्टर और नर्सों के जज्बे को सलाम!
झारखंड में टीके की बर्बादी मात्र 0.3 फीसदी
रांची।
झारखंड में टीकाकरण की स्थिति दिन-ब-दिन बेहतर होती जा रही है। राज्य में टीकाकरण का हर दिन नया रिकार्ड बन रहा है। पिछले दिनों टीके की कमी के कारण टीकाकरण की गति धीमी हो गयी थी, उसे पिछले दो दिनों में पूरा कर लिया गया। राज्य के डॉक्टर, नर्स और टीकाकरण अभियान से जुड़े अधिकारी और कर्मियों ने दिखा दिया कि अगर टीका उपलब्ध हो, तो वे बड़ी संख्या में लोगों का टीकाकरण कर सकते हैं। टीकाकरण अभियान को सफलता की ओर ले जाने के लिए डॉक्टरों और नर्सों के जज्बे को सलाम किया जाना चाहिए।

दो दिन में 2.61 लाख लोगों ने टीका लिया
राज्य में अब तक 72 लाख 61 हजार 605 लोग टीका ले चुके हैं। टीके की कमी के कारण 29 जून से टीकाकरण कम हो रहा था। राज्य को 2 जुलाई को 6 लाख टीका उपलब्ध कराया गया। इसके बाद 3 और 4 जुलाई को दो दिनों में 2 लाख 61 हजार 252 लोगों को टीका दिया गया। हालांकि 5 जुलाई को एक बार फिर 57 हजार 448 लोगों को ही टीका दिया जा सका। इसकी मुख्य वजह यह बतायी जा रही है कि अब केंद्र से टीका 9 जुलाई तक मिलने की उम्मीद है। स्टॉक में केवल दो दिन के लिए टीका है। इसलिए रफ्तार को धीमा किया गया, जिससे दूसरे डोज लेनेवालों को परेशानी नहीं हो।

टीके की बर्बादी में कमी
राज्य में टीकाकरण कार्य में लोगों ने यह भी प्रशंसनीय कार्य किया है कि टीके की बर्बादी अब नहीं के बराबर है। राज्य में बर्बादी बहुत ही कम है। अब तक राज्य को 75 लाख 41 हजार 260 टीके मिले हैं। इनमें से 72 लाख 61 हजार 605 लोगों को टीका दिया जा चुका है। स्टॉक में 2 लाख 79 हजार 255 टीका बचा हुआ है। केवल 1960 डोज बर्बाद हुआ है, जो 0.03 फीसदी है।

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