जम्मू: आतंक पर कड़ा प्रहार करने के उद्देश्य से नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) जम्मू कश्मीर में एक दर्जन से ज्यादा स्थानों पर छापेमारी कर रही है. ये छापेमारी कथित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-मुस्तफा की फंडिंग, उससे जुड़े लोग और जम्मू के नरवाल इलाके से बरामद 5 किलो की की आईईडी मिलने के संबंध में की जा रही है.
जून में बरामद की गई थी 5 किलो आईईडी
एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया की जून महीने में जम्मू एयर बेस पर हुए ड्रोन हमले के फौरन बाद जम्मू कश्मीर पुलिस ने नरवाल इलाके में 5 से 6 किलो विस्फोटक वाली आईडी के साथ एक शख्स को गिरफ्तार किया था. आरंभिक जांच के दौरान यह शक था कि यह आईईडी भी ड्रोन के जरिए ही आई होगी.
इस मामले में जांच के दौरान दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था. बाद में यह मामला जांच के लिए एनआईए को सौंप दिया गया था. अब तक सामने आई पुख्ता जानकारियों के आधार पर एनआईए ने छापेमारी का अभियान शुरू किया है और इस बात की जांच की जा रही है कि ड्रोन से आने वाला सामान किन-किन लोगों तक पहुंचा था और किन-किन लोगों को ड्रोन की बाबत जानकारी थी.
दूसरा मामला लश्कर-ए-मुस्तफा से जुड़ा
एनआईए के आला अधिकारी के मुताबिक, दूसरा मामला लश्कर-ए-मुस्तफा से जुड़ा हुआ है. इस मामले में जम्मू पुलिस ने अनंतनाग पुलिस के साथ मिलकर एक शख्स को गिरफ्तार किया. आरंभिक पूछताछ के दौरान उक्त शख्स ने अपना नाम हिदायतुल्लाह मलिक निवासी सोपियां बताया और यह जानकारी भी दी कि वह कथित आतंकी संगठन लश्कर ए मुस्तफा का स्वयंभू कमांडर है. जो जैश-ए-मोहम्मद के इशारे पर काम करता है. उसने यह जानकारी भी दी कि इन लोगों का मकसद अनेक स्थानों पर तबाही मचाने का था. जम्मू पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए इस मामले की जांच भी एनआईए को सौंप दी गई.
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस समेत कई जरूरी सामान बरामद
इन मामलों की जांच के दौरान यह भी पता चला है कि आतंकवादियों का मकसद कई धार्मिक स्थानों और भीड़भाड़ वाली जगहों पर आतंक मचाने का था. साथ ही इन्हें फंडिंग भी की जा रही थी. अब एनआईए यह जानना चाहता है कि जम्मू कश्मीर के कौन से लोग इनको फंडिंग कर रहे थे और कौन से लोग इन लोगों की पर्दे के पीछे से मदद कर रहे थे. अब तक हुई छापेमारी के दौरान अनेक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और महत्वपूर्ण सामान बरामद हुआ है. छापेमारी अभी लगातार जारी है और जल्द ही इस मामले में कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है.