रांची। राज्य के स्वास्थ्य विभाग की शिकायत पर सरयू राय के खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और आइपीसी की धारा 409/379/411/120बी और 420 के तहत डोरंडा पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज की गयी है। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा निर्दलीय विधायक सरयू राय के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में चाइबासा की विशेष सांसद/विधायक अदालत ने संज्ञान लिया।
बता दें कि विधायक सरयू राय ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ कोविड-19 फंड के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। इसके बाद बन्ना गुप्ता ने सरयू राय के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। रांची पुलिस के अनुसार, राज्य के स्वास्थ्य विभाग की शिकायत पर सरयू राय के खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और आईपीसी की धारा 409/379/411/120बी और 420 के तहत डोरंडा पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज की गयी है। 13 अप्रैल को, सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के सेल में खुद, उनके निजी सहायक और अन्य कर्मचारियों सहित 60 लोगों के वेतन के रूप में अवैध रूप से भारी वित्तीय प्रोत्साहन लिया था। इसका विरोध करते हुए बन्ना गुप्ता ने इसे अपनी छवि खराब करने का प्रयास करार दिया था और सरयू राय को कानूनी नोटिस भेज कर बिना शर्त माफी मांगने या कानूनी परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी। बाद में
उन्होंने सरयू राय के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कराया था। कानूनी नोटिस में बन्ना गुप्ता ने आरोप को झूठा और निराधार कहा और बिना शर्त सार्वजनिक माफी की मांग की। इसके जवाब में सरयू राय ने बयान जारी कर कहा था कि नोटिस का जवाब देने लायक नहीं है। सरयू राय ने कहा कि उन्हें मेरे खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने दें। स्वास्थ्य मंत्री ने इस सेल के लिए प्रोत्साहन राशि नहीं लेने का भी एलान किया। बन्ना गुप्ता ने कहा कि मैं एक संवैधानिक पद पर हूं और सार्वजनिक जीवन रखना मेरा कर्तव्य है। मैंने नैतिक आधार पर प्रोत्साहन राशि को रद्द करने और इसे सबसे ज्यादा जरूरत वाले लोगों में वितरित करने का फैसला किया है, साथ ही झारखंड मंत्रिमंडल ने कोविड-19 महामारी के दौरान अथक परिश्रम करने वाले स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और कोरोना योद्धाओं को एक महीने का अतिरिक्त वेतन देने के प्रस्तावों को मंजूरी दी थी।