रांची। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) शनिवार को भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के पांच करीबी सहयोगियों के साहिबगंज स्थित ठिकानों में छापेमारी कर रही है। बरहरवा के कृष्णा साव, सोहनपुर के दाहू यादव, छोटू यादव, भगवान भगत और भावेश भगत के आवास पर छापेमारी चल रही है। अबतक की छापेमारी में 5.32 करोड रुपये बरामद की गयी है।

पंकज मिश्रा के बाद मुख्य संदिग्ध के रूप में सामने आए दाहू यादव के घर पर ईडी की टीम ने अभी तक लोहे का संदूक नहीं खोला है। ईडी की टीम उसकी तलाश कर रही है। ईडी के मुताबिक वह कामाख्या मंदिर में पूजा करने के लिए गुवाहाटी गए हैं। शुक्रवार से शुरू हुई छापेमारी के दौरान नकदी और दस्तावेजों के अलावा ईडी ने एक संदिग्ध के परिसर से तीन पिस्तौल और दो राइफलें बरामद की गई हैं। छापेमारी चल रही है।

इससे पूर्व ईडी ने शुक्रवार को पंकज मिश्रा और उनके साथियों के आवास पर छापेमारी की थी। इनमें दाहू यादव, छोटू यादव, सोनू सिंह, सुनील यादव, बच्चू यादव, राजू भगत, पत्रू सिंह, ट्विंकल भगत, कृष्णा साव, निमाई सील, सुब्रतो पाल, भगवान भगत, कन्हैया खुदानिया, संजय दीवान और भावेश भगत शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंकज मिश्रा पर बीते चार जून को केस दर्ज किया था। उन पर साहिबगंज जिले के बरहरवा थाने में वर्ष 2020 में प्राथमिकी दर्ज किया गया था। इसी के तहत उन्हें आरोपित बनाया गया है। इस मामले में ईडी ने शंभु नंद कुमार का बयान भी दर्ज किया था। शंभु ने ईडी को दिये अपने बयान में राज्य के कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम का नाम लिया था।

साहिबगंज जिले के बरहरवा में जून 2020 के टेंडर विवाद में एक केस दर्ज किया गया था। इसे ईडी ने टेकओवर कर लिया है। बड़हरवा का यह केस शंभु नंदन कुमार उर्फ शंभु भगत ने दर्ज कराया था। उन्होंने टेंडर विवाद के मामले में बड़हरवा थाने में मंत्री आलमगीर आलम और पंकज मिश्रा के इशारे पर मारपीट करने की प्राथमिकी दर्ज करायी थी लेकिन दोनों ही आरोपितों को साहिबगंज पुलिस ने क्लीन चिट दे दी थी।

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