• -देशभर में खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी बढ़ाने के खिलाफ बंद रही मंडियां
  • -अनाज व्यापारी संघ ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ज्ञापन सौंपा

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली समेत देशभर की अधिकांश थोक एवं खुदरा अनाज मंडियां शनिवार को बंद रहीं। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद के पहले से पैक और लेबल वाले खाद्य पदार्थों पर 5 फीसदी जीएसटी लगाने के फैसले के विरोध में व्यापारियों ने बंद का आह्वान किया था।

राजधानी दिल्ली के अनाज व्यापारी संघ के अध्यक्ष नरेश कुमार गुप्ता ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में कहा कि ऐसा पहली बार है, जब बिना ब्रांड वाले खाद्य पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाया जा रहा है। गुप्ता ने कहा कि जीएसटी परिषद का यह फैसला आम जनता और व्यापारियों के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों का बंद पूरी तरह से सफल रहा है।

व्यापारी संघ के अध्यक्ष ने कहा कि जीएसटी परिषद के बिना ब्रांड वाले पैक खाद्य पदार्थों को जीएसटी के 5 फीसदी टैक्स स्लैब के दायरे में लाने का कारोबारियों ने विरोध जताने के लिए बंद का अह्वान किया था, जो सफल रहा है। जीएसटी परिषद के फैसले को वापस लेने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ज्ञापन भी सौंपा है। व्यापारियों ने वित्त मंत्री से खाद्य पदार्थों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने के साथ इस निर्णय को वापस लेने का आग्रह किया।

गुप्ता ने कहा कि आज नया बाजार, नरेला और बवाना सहित शहर के अन्य हिस्सों में थोक अनाज मंडियों में कारोबार नहीं हुआ। इस दौरान शहर की कई खुदरा अनाज मंडियां भी बंद रही। उन्होंने कहा कि आज की हड़ताल प्रतीकात्मक थी। भविष्य की रणनीति पर फैसला बाद में लिया जाएगा।

इस बीच महाराष्ट्र के नवी मुंबई में एपीएमसी बाजार के व्यापारियों ने बंद रखा, जबकि जम्मू में व्यापारियों ने जीएसटी परिषद के फैसले के खिलाफ विरोध मार्च निकाला।

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