बेगूसराय। भूमि प्रबंधन एवं प्रशासन में राज्यों एवं जिलों के समन्वय से भूमि अभिलेख के डिजिटलाइजेशन तथा प्रमाणीकरण के लिए आज ऐतिहासिक दिन बन गया। बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की पहल तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश के आधार पर यह कार्यक्रम पूरे देश में शुरू हुआ।
आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम की शुरुआत की। जिसमें स्वास्थ्य कारणों से गिरिराज सिंह उपस्थित नहीं हो सके लेकिन, बेगूसराय से गिरिराज सिंह के प्रतिनिधि अमरेन्द्र कुमार अमर, बेगूसराय भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव वर्मा एवं उपाध्यक्ष रौनक कुमार विशेष रूप से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि भूमि अभिलेख सामान्य प्रशासन और विशेषकर भूमि प्रबंधन और प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण और निर्णायक भूमिका निभाते हैं। त्रुटि रहित अद्यतन और पारदर्शी भूमि अभिलेख तथा सटीकता के साथ लोगों तक उसकी आसान पहुंच के लिए उसका प्रबंधन समय की मांग है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फरवरी 2022 में आयोजित बजट के बाद इसकी इच्छा व्यक्त की थी।
प्रधानमंत्री ने कहा था कि भूमि अभिलेखों के डिजिटलाइजेशन का काम शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए। जिससे नागरिक सक्षम बनें और उन्हें सेवाओं का लाभ उठाने के लिए कार्यालयों में बार-बार जाना ना पड़े। भूमि संसाधन विभाग इस केंद्रीय क्षेत्र की स्कीम डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के माध्यम से इसके घटकों के क्रियान्वयन के लिए राज्यों को शत-प्रतिशत वित्त पोषण कर रहा है।
जिससे वे एकीकृत भूमि सूचना प्रबंधन प्रणाली निरूपित करने के उद्देश्य से एक आधुनिक व्यापक और पारदर्शी भूमि प्रबंधन प्रणाली तैयार कर सकें। इस कार्यक्रम में देशभर से 75 जिलों के जिलाधिकारी को विशिष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया है। बिहार से जहानाबाद, लखीसराय, गया एवं किशनगंज को इस दिशा में विशिष्ट कार्य के लिए सम्मान दिया गया।
भू-अभिलेखों के डिजिटलाइजेशन से एक तरफ भूमि विवाद, धोखाधड़ी, बेनामी लेनदेन, भूमि संबंधी अवार्ड सहित रजिस्ट्रेशन और कानूनी मामलों में भी बड़ी सहायता मिलेगी। देशभर में राजस्व कार्यालयों के एकीकरण और आधुनिक अभिलेख कक्षों की स्थापना के क्षेत्र में भूमि सम्मान पाने वाले जिलों के जिला अधिकारी का चयन कर उन्हें सम्मानित किया गया है।
कार्यक्रम में शामिल केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह के प्रतिनिधि अमरेन्द्र कुमार अमर ने बताया कि भू-अभिलेखों के डिजिटलाइजेशन के कारण भूमि विवाद एवं अभिलेखों के संबंध में धोखाधड़ी का निदान हो सकेगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से एक ऐतिहासिक पहल की है। इसका बड़ा फायदा देखने को मिलेगा।