रांची। 29वीं राष्ट्रीय सब जूनियर तथा सीनियर थांग-टा चैम्पियनशिप की मेजबानी झारखंड को मिली है। झारखंड थांग-टा संघ के अध्यक्ष रंजीत केशरी ने बताया कि चैंपियनशिप का आयोजन 24 से 26 नवंबर तक रांची में खेलगांव स्थित हरिवंश टाना भगत इंडोर स्टेडियम में होगा।

स्वदेशी खेल थांग टा के इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय चैंपियनशिप में देशभर के 500 चुनिंदा पुरुष तथा महिला खिलाड़ी भाग लेंगे। इस बाबत शीघ्र ही झारखंड थांग-टा संघ की एक बैठक आयोजित होगी, जिसमें चैंपियनशिप के सफल आयोजन हेतु एक आयोजन समिति का गठन किया जाएगा।

भारत में आरंभ से ही कई संस्कृतियों का समावेश है। यही कारण है कि यहां कई प्रकार की विभिन्न कलाएं भी विद्यमान हैं। यहां अलग-अलग तरह की कलाओं एवं संस्कृतियों का जन्म हुआ। ऐसी ही एक युद्धकला भारत देश में मणिपुर प्रदेश से सम्बंधित है। इस कला का नाम है ‘थांग-ता’। यह कला तलवार, ढाल और भाले के साथ खेली जाती है। यह कला आत्मरक्षा, एवं युद्ध कला के साथ-साथ पारम्परिक लोक नृत्य के रूप में जानी जाती है। यह कला शस्त्रों से परिपूर्ण एक युद्धकला है। इसमें ‘थांग’ शब्द का अर्थ है ‘तलवार’, और ‘ता’ का अर्थ है ‘भाला’ इस कला में तलवार, ढाल और भाले का प्रयोग किया जाता है।

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