काठमांडू। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ईसाई धर्मोपदेशक संस्था यूनिवर्सल पीस फेडरेशन (यूपीएफ) के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद से विवादों में घिर गए हैं। ओली कंबोडिया में संस्था की ओर से आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद मंगलवार को काठमांडू लौटे। नेपाल में उनकी काफी आलोचना हो रही है।
यूपीएफ ने कंबोडिया में 21 से 24 जुलाई तक “इंटरनेशनल लिडरशिप कॉन्फेरेंसः पीस एंड डेमोक्रेसी” का आयोजन किया था। इसमें कई देशों के पूर्व प्रधानमंत्रियों ने हिस्सा लिया। पूर्व प्रधानमंत्री ओली के जनसंपर्क कार्यालय के मुताबिक ओली इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद मंगलवार को काठमांडू लौटे हैं।
हालांकि यूपीएफ नेपाल में बहुत विवादास्पद है। यूपीएफ पर आरोप है कि यह संगठन प्रलोभन देकर लोगा का मतांतरण करा रहा है। नवंबर 2018 में यूपीएफ के दक्षिण कोरिया स्थित मुख्यालय में चार दिवसीय एशिया प्रशांत शिखर सम्मेलन का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल और अन्य ने शिरकत की थी। उस समय ओली को अच्छे शासन के लिए एक लाख डॉलर का पुरस्कार भी दिया गया था। इस कार्यक्रम में नेपाल के 753 स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन अधिकांश स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों ने इसमें शिरकत नहीं की थी।
उल्लेखनीय है कि सीपीएन (यूएमएल) के सांसद एकनाथ ठकाल नेपाल में यूपीएफ के प्रभारी हैं।