मॉस्को। यूक्रेन पर रूसी हमले के बावजूद काला सागर के रास्ते खाद्यान्न आपूर्ति के लिए रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा समझौता रूस ने एकतरफा फैसला कर खत्म कर दिया है। रूस के इस फैसले से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाद्य संकट उत्पन्न होने का खतरा है।

यूक्रेन पर हमले के बाद दुनिया पर तब खाद्यान्न संकट मंडराने लगा था, जब काला सागर के रास्ते से खाद्यान्न आपूर्ति प्रभावित होने का खतरा सामने आया था। बाद में रूस और यूक्रेन ने इस मसले पर समझौता हुआ कि दोनों देश एक दूसरे के मालवाहक जलयानों पर हमले नहीं करेंगे। अब रूस ने एकतरफा फैसला लेकर इस समझौते को खत्म करने का एलान किया है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि रूस ने खाद्यान्न समझौते से स्वयं को अलग कर लिया है। पेस्कोव ने कहा कि रूस की कुछ मांगें हैं, जब तक इन्हें पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक इस समझौते पर अमल शुरू नहीं किया जाएगा।

रूस का यह फैसला दुनिया के लिए खतरनाक करार दिया जा रहा है और हर तरफ इस फैसले का विरोध हो रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने कहा है कि इससे लाखों लोगों के भूख से मरने का खतरा बढ़ जाएगा। अमेरिका ने इसे तानाशाही रवैया करार दिया है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की ने कहा है कि वो दुनिया को अनाज की आपूर्ति करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस समझौते में यूक्रेन और रूस दोनों शामिल थे। अब रूस पीछे हट गया है, लेकिन यूक्रेन खाद्यान्न आपूर्ति जारी रखेगा।

जेलेंस्की के प्रवक्ता ने कहा कि समझौते से रूस के अलग होने से यूक्रेन को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हम काला सागर के जरिए आपूर्ति जारी रखेंगे। इसमें संयुक्त राष्ट्र संघ की मदद भी ली जाएगी। इसके लिए शिपिंग कंपनियों से बातचीत की गयी है और वो आपूर्ति जारी रखने के लिए तैयार हैं। तुर्किये के रास्ते दुनिया को अनाज पहुंचाना जारी रखा जाएगा।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version