चेन्नई/नई दिल्ली | तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने श्रीलंका के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक लंबा पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने तमिलनाडु और श्रीलंका के बीच के कई स्थानीय व राष्ट्रीय मुद्दों को उठाते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री इन विषयों को भी अपनी बातचीत में शामिल करें और कोई समाधान निकालें। उल्लेखनीय है कि श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे 21 व 22 जुलाई को भारत की राजकीय यात्रा पर हैं ।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने कहा है कि श्रीलंका के राष्ट्रपति इस पद पर आसीन होने के बाद पहली बार भारत आ रहे हैं। भारत और श्रीलंका के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों के साथ-साथ भौगोलिक निकटता के चलते तमिलनाडु से जुड़े कई मुद्दे काफी समय से लंबित हैं। इनमें कच्चातीवु द्वीप पर फिर से अधिकार के साथ ही भारतीय मछुआरों के पारंपरिक मछली पकड़ने के अधिकारों का संरक्षण सबसे प्रमुख है। इसके साथ ही श्रीलंका में तमिलभाषी लोगों की वास्तविक आकांक्षाओं को संबोधित करना और उनके अधिकारों और स्वतंत्रता को सुनिश्चित करना एक महत्व का विषय है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि वे इन दोनों महत्व के विषयों पर श्रीलंका के राष्ट्रपति के समक्ष अवश्य उठाएं। उल्लेखनीय है कि कच्चातीवु द्वीप एक समय में भारत का हिस्सा हुआ करता था। 1974 में भारत सरकार ने एक समझौते के तहत इसे श्रीलंका को दे दिया गया। तभी से तमिलनाडु के राजनीतिक दल इसे वापस लेने की मांग करते आ रहे हैं और इस विषय में तमिलनाडु विधानसभा में कई बार प्रस्ताव भी पारित किया जा चुका है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री का कहना है कि इससे उनके राज्य के मछुआरों का हित प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा स्टालिन ने श्रीलंका के सुरक्षाबलों द्वारा जब्त की गई मछुआरों की नाव, सुंयुक्त कार्य समूह की बैठक बुलाने और प्रभावी करने व श्रीलंका में तमिलों के हितों की सुरक्षा के मुद्दे उठाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है।

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