रांची। झारखंड राज्य खाद्य आयोग ने झारखंड राज्य आकस्मिक खाद्यान्न कोष के क्रियान्वयन में अपना बड़ा रोल निभाने की पहल की है। सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में आयोग के अध्यक्ष हिमांशु चौधरी ने बताया कि खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग की ओर से जून 2018 में आकस्मिक खाद्यान्न कोष का गठन किया गया था। जिन गरीबों के पास राशन कार्ड नहीं है और राशन नहीं मिल पा रहा, उन्हें आकस्मिक खाद्यान्न कोष से 10 किलो अनाज नि:शुल्क दिया जाना है।
चावल की खरीद के लिए पंचायत एवं वार्ड में इसके लिए उपलब्ध राशि व्यय हो जाये, तो जिले के डीसी द्वारा इसके लिए पैसे दिये जायेंगे। पंचायतों, वार्डों में इस पैसे की उपलब्धता, व्यय की स्थिति की समीक्षा के लिए खाद्य आयोग जिलों में भ्रमण करेगा। बीडीओ से राशि की उपलब्धता की जानकारी ली जायेगी। विशेषकर मुखिया के साथ बैठक कर राशि के समुचित उपयोग के संबंध में चर्चा होगी। इसकी शुरूआत जामताड़ा जिले से होगी। इसके बाद धनबाद, बोकारो और रामगढ में यह कार्यक्रम होगा। इसके अलावा देवघर, दुमका, पाकुड़, साहिबगंज और गिरिडीह जिलों के लिए भी डेट फाइनल किया गया है। कोशिश है कि 15 अगस्त तक सभी जिलों में समीक्षात्मक बैठक कर ली जाये।