रांची। हजारीबाग में झारखंड का पहला ओपन जेल खुलने के बाद अब झारखंड में पहला हाई सिक्योरिटी स्पेशल जेल भी बननेवाला है। इसको लेकर सरकार ने 97.73 करोड़ की राशि स्वीकृत कर दी है। केंद्रीय सेक्टर स्कीम के तहत भारत सरकार द्वारा इसका निर्माण कार्य किया जायेगा। हालांकि निर्माण कार्य में 100 करोड़ के बाद जितनी राशि खर्च होगी, वह राशि राज्य सरकार उपलब्ध करायेगी। 25 एकड़ भू-भाग में इस जेल का निर्माण होगा।
जेल में हाई सिक्योरिटी सेल का होगा निर्माण
हाई सिक्योरिटी जेल में हाई सिक्योरिटी सेल का निर्माण किया जायेगा, जहां पूरी सुरक्षा में हार्डकोर और कुख्यात उग्रवादी, अपराधी और आतंकवादियों को रखा जा सकेगा। इस जेल के काराधीक्षक और जेलर भी अलग होंगे। सारी व्यवस्थाएं अलग होंगी। जेल में प्रशासनिक भवन अधिकारी और कर्मियों के लिए रेजिडेंशियल आवास भवन का भी निर्माण किया जायेगा। हाई सिक्योरिटी स्पेशल जेल के निर्माण के लिए भूमि का चयन हो गया है। डीपीआर तैयार होने के बाद जेल का निर्माण कार्य भी आरंभ हो जायेगा। बता दें कि झारखंड में सात सेंट्रल जेल और 23 डिस्ट्रिक्ट जेल हैं। इनमें मंडल कारा और उपकार भी शामिल हैं।
जेल में खतरनाक कैदियों पर रखी जायेगी कड़ी निगरानी
जेल आधुनिकीकरण में यह प्रावधान है कि ऐसे बंदी ,जो समाज के लिए बेहद खतरनाक बन चुके हैं, उन्हें सामान्य बंदियों से अलग रखा जायेगा, ताकि उनका प्रभाव अन्य बंदियों पर न पड़े और वे अच्छे नागरिक बन कर जेल से बाहर निकलें। यह बंदी सुधार दिशा में भी बेहतर पहल होगा। हाई सिक्योरिटी जेल की खासियत यह होगी कि जितने भी हार्डकोर उग्रवादी या अपराधी होंगे, उन्हें वहां रखा जायेगा। जेल में कुख्यात अपराधियों पर कड़ी निगरानी रखने के तमाम उपाय उपलब्ध होंगे। जेल में कर्मचारियों और अन्य लोगों के प्रवेश और निकासी के लिए बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट लॉक सिस्टम भी लगाया जायेगा। सेल इस तरह से बनाये जायेंगे कि दूसरे सेल में बंद कैदी एक-दूसरे को नहीं देख पायेंगे। सभी सेल और परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे।
जानें कितने की लागत से जेल में क्या-क्या होगा निर्माण
जेल का निर्माण कार्य : 81.47 करोड़।
इलेक्ट्रिक फैंसिंग : 3.06 करोड़
सीसीटीवी, एक्स रे, बैगेज स्कैनर, डीएफएमडी, एचएचएमडी, एनएलजेडी का इंस्टालेशन : 9.96 करोड़
आइपी, इपीएबीएक्स, वाकी टॉकी, ई मुलाकती का इंस्टालेशन : 3.23 करोड़।
कुल : 97.73 करोड़