Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Sunday, September 7
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»दुनिया»ब्राजील का राष्ट्रपति कार्यालय अमेरिका से आने वाले ‘बोल्सोनारो इफैक्ट टैरिफ’ को रिसीव नहीं करेगा
    दुनिया

    ब्राजील का राष्ट्रपति कार्यालय अमेरिका से आने वाले ‘बोल्सोनारो इफैक्ट टैरिफ’ को रिसीव नहीं करेगा

    shivam kumarBy shivam kumarJuly 12, 2025No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    ब्रासीलिया/वाशिंगटन। ब्राजील का राष्ट्रपति कार्यालय अमेरिका से भौतक रूप से आने वाले डोनाल्ड ट्रंप के 50 प्रतिशत वाले पत्र ‘बोल्सोनारो इफैक्ट टैरिफ’ को रिसीव नहीं करेगा। ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा ने अपने राजनयिकों को इस आशय का आदेश दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस कदम से ब्राजील के राष्ट्रपति भड़के हुए हैं।

    अमेरिका के सीबीएस न्यूज चैनल की खबर के अनुसार, लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा ने आरोप लगाया कि ट्रंप की ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो से मित्रता है। इसलिए वह जेयर के खिलाफ चल रहे आपराधिक मुकदमे को खत्म करने का दबाव बनाने के लिए आयात करों में 50 फीसद की वृद्धि करने के वादे पर आमादा हैं।

    उन्होंने कहा कि अगर डोनाल्ड ट्रंप यह टैरिफ ब्राजील पर लगाते हैं तो वह अमेरिका पर जवाबी शुल्क लगाएंगे। लूला ने कहा कि अगर अमेरिका के साथ बातचीत विफल हो जाती है, तो वे इस साल की शुरुआत में कांग्रेस से मंजूर किए गए ब्राजील के पारस्परिकता कानून को लागू कर देंगे।

    सीबीएस का मानना है कि लूला की टिप्पणियों से दोनों देशों के बीच टैरिफ युद्ध छिड़ने का खतरा बढ़ गया है। ऐसा इसलिए कि ट्रंप की जिद है कि अगर कोई देश अपने टैरिफ लगाकर अमेरिका को दंडित करने की कोशिश करेगा, तो वह इसका कड़ा जवाब देंगे।

    इस घटनाक्रम के बाद लूला के आलोचक भी अमेरिका के खिलाफ हो गए हैं। ब्राजील सीनेट के अध्यक्ष सीनेटर डेवी अल्कोलुम्ब्रे और चैंबर ऑफ डेप्युटीज के अध्यक्ष ह्यूगो मोट्टा ने कहा कि पारस्परिकता कानून लागू करना ही बेहतर विकल्प है। ब्राजील की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए यह जरूरी है। दोनों ने संयुक्त बयान में कहा, “हम अपनी अर्थव्यवस्था, अपने उत्पादक क्षेत्र और ब्राजीलियाई नौकरियों की सुरक्षा के लिए संतुलन और दृढ़ता के साथ कार्य करने के लिए तैयार हैं।”

    ब्राजील के राष्ट्रपति का मानना है कि ट्रंप बोल्सोनारो के आपराधिक मुकदमे के नतीजे को तय करने की कोशिश कर रहे हैं। बोल्सोनारो ने 2022 में चुनाव हारने के बाद सत्ता में बने रहने के लिए ट्रंप जैसा काम किया। उधर, बोल्सोनारो का कहना है कि ब्राजील का सर्वोच्च न्यायालय उन्हें राजनीतिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है।

    साओ पाउलो स्थित इंस्पर विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर कार्लोस मेलो का मानना है कि बोल्सोनारो के मुकदमे के बारे में लूला या ब्राजील कुछ नहीं कर सकते। इसमें कोई भी बदलाव ब्राजील के लिए आत्मसमर्पण जैसा होगा। इस बीच लूला ने अपने राजनयिकों को आदेश दिया कि अगर ट्रंप का पत्र ब्रासीलिया स्थित राष्ट्रपति भवन में भौतिक रूप से पहुंचता है, तो उसे वापस कर दिया जाए।

    उल्लेखनीय है कि अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय व्यापार न्यायालय ने मई में फैसला सुनाया था कि ट्रंप ने कांग्रेस की मंजूरी के बिना टैरिफ लगाने के लिए आपातकाल की घोषणा करके अपने अधिकार का अतिक्रमण किया है।

    ओरेगन के डेमोक्रेटिक सीनेटर रॉन वाइडन का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ के बहाने कुछ देशों से निजी बदला लेकर देश की अर्थव्यवस्था की बलि चढ़ा रहे हैं।

    कहा जा रहा है कि ब्राजील में बोल्सोनारो के मुकदमे में ट्रंप की दिलचस्पी नाटकीय संदेश दे रही है। कई सांसदों और जजों का मानना है कि अगर पूर्व राष्ट्रपति को दोषी ठहराया जाता है तो वे ब्राजील छोड़कर अमेरिका जाने की कोशिश करेंगे। लूला ने कड़े शब्दों में कहा कि बोल्सोनारो को ब्राजील पर ट्रंप के कर लगाने के फैसले पर सहमति जताने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleहिंदी-मराठी भाषा विवाद पर अजय देवगन ने तोड़ी चुप्पी
    Next Article ट्रंप प्रशासन को जज का आदेश, लॉस एंजिल्स और कैलिफोर्निया में आव्रजन छापे फौरन रोके जाएं
    shivam kumar

      Related Posts

      सत्तारूढ़ दल नेपाली कांग्रेस की मांग- सोशल मीडिया प्लेटफार्म बंद करने के फैसले पर पुनर्विचार करे सरकार

      September 7, 2025

      यूक्रेन पर रूस का सबसे बड़ा हवाई हमला, कीव पर दागे 800 से ज्यादा ड्रोन, कैबिनेट भवन को भी निशाना बनाया

      September 7, 2025

      काठमांडू में शुरू हुआ नेपाल-चीन की सेनाओं का संयुक्त अभ्यास ‘सागरमाथा मैत्री’

      September 7, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने की नेत्रदान की घोषणा, कहा- मेरी आंखें किसी औऱ की रौशनी बनें
      • दक्षिण अफ्रीकी स्पिनर सुब्रायन का गेंदबाजी एक्शन वैध पाया गया
      • सत्तारूढ़ दल नेपाली कांग्रेस की मांग- सोशल मीडिया प्लेटफार्म बंद करने के फैसले पर पुनर्विचार करे सरकार
      • आजादी के समय यूपी की अर्थव्यवस्था देश में सबसे बड़ी थी : योगी आदित्यनाथ
      • यूक्रेन पर रूस का सबसे बड़ा हवाई हमला, कीव पर दागे 800 से ज्यादा ड्रोन, कैबिनेट भवन को भी निशाना बनाया
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version