इटानगर। अरुणाचल प्रदेश में जून से जारी मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्य के कई हिस्सों में भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। अब तक कम से कम 15 लोगों की जान जा चुकी है। निचले सियांग जिले में सड़क संपर्क पूरी तरह से कट गया है। सिजी, याते और गरु गांव के पास कई जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। पश्चिम सियांग, लेपराडा, शी-योमी और अपर सुबनसिरी जैसे जिलों की जीवनरेखा माने जाने वाली आलो-लिकाबाली सड़क अब भी बाधित है।
चीन सीमा से सटे अंजॉ जिले का सड़क संपर्क पहले करीब 20 दिनों तक पूरी तरह से ठप था, जिसे हाल ही में प्रशासन ने बहाल किया। कीई पन्योर जिले में भारी पत्थर गिरने से एक दिन तक राजमार्ग पर यातायात रुका रहा। निचले सुबनसिरी जिला मुख्यालय ज़ीरो पानी में डूब गया, जिससे धान की खेती और संपत्ति को नुकसान पहुंचा।
प्रशासन ने लोगों को चेताया है कि भूस्खलन के खतरे को देखते हुए रात में यात्रा करने से बचें। सरकारी रिपोर्टों के अनुसार अब तक कम से कम 15 लोगों की जानें जा चुकी हैं और 26 जिलों में 36 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। ईस्ट कामेंग और अपर सुबनसिरी सबसे अधिक प्रभावित जिलों में शामिल हैं। राज्य सरकार ने हाई अलर्ट जारी किया है।
मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हुए सरकारी प्रावधानों के अनुसार चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। उन्होंने अधिकारियों को अलर्ट पर रहने और राहत कार्यों को युद्धस्तर पर जारी रखने का निर्देश दिया।
राजधानी इटानगर में नगर निगम (आईएमसी) के मेयर तम्मे फास्सांग ने नदियों और संवेदनशील क्षेत्रों के पास रहने वाले नागरिकों से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है। उन्होंने बताया कि इटानगर, नाहरलगुन, निरजुली और बंदरदेवा सहित सभी 20 वार्डों के पार्षदों के सहयोग से निगम ने मानसून से निपटने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं।