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    Home»Top Story»जल स्रोतों के कैचमेंट एरिया को नो एंट्री जोन बनायें : हाइकोर्ट
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    जल स्रोतों के कैचमेंट एरिया को नो एंट्री जोन बनायें : हाइकोर्ट

    shivam kumarBy shivam kumarJuly 31, 2025Updated:July 31, 2025No Comments3 Mins Read
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    जल स्रोतों से अतिक्रमण अविलंब हटायें
    नगर विकास सचिव, जल संसाधन सचिव, रांची उपायुक्त और एडमिनिस्ट्रेटर रांची नगर निगम हुए हाजिर
    रांची। हाइकोर्ट ने झारखंड में जल स्रोतों एवं नदियों अतिक्रमण मुक्त करने को लेकर राज्य सरकार एवं नगर निगम को कड़े निर्देश दिये हैं। हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मौखिक कहा कि राज्य में जल स्रोतों का संरक्षण बेहद जरूरी है। जल स्रोतों की कैचमेंट एरिया को नो एंट्री जोन बनाया जाना चाहिए, इसे कटीली तारों से घेर कर इसे प्रोटेक्ट किया जाना चाहिए। ताकि किसी तरह का कोई अतिक्रमण ना हो सके। कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य में जल स्रोतों एवं नदियों के संरक्षण एवं इसे अतिक्रमण मुक्त करने पर राज्य सरकार करवाई जमीनी स्तर पर देखनी चाहिए। सरकार को जल स्रोत एवं नदियों से अविलंब अतिक्रमण हटाने का निर्देश कोर्ट ने दिया। कोर्ट के पूर्व के आदेशों की आलोक में अबतक की गयी कार्रवाई के संबंध में राज्य सरकार को शपथ दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई 22 अगस्त निर्धारित की। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को बताया कि सैटेलाइट मैपिंग के माध्यम से राज्य के जल स्रोतों एवं नदियों पर निगाह रखी जा रही है। समय-समय पर सरकार की ओर से जलस्रोतों एवं नदियों से अतिक्रमण हटाने की कई करवाई हुई है। सरकार की ओर से अधिवक्ता शाहबाज अख्तर, गौरव राज उपस्थित थे। हस्तक्षेपकर्ता की ओर से खुशबू कटारुका ने पक्ष रखा। जबकि रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन सहदेव ने पक्ष रखा।

    गुरुवार को राज्य में जल स्रोतों के संरक्षण के संबंध में कोर्ट के स्वत: संज्ञान की सुनवाई झारखंड हाइकोर्ट में हुई। कोर्ट के आदेश के आलोक में गुरुवार को नगर विकास सचिव, जल संसाधन सचिव, रांची उपायुक्त एवं एडमिनिस्ट्रेटर रांची नगर निगम कोर्ट के समक्ष हाजिर हुए। हालांकि सरकार का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने इन सभी को अगली सुनवाई में उपस्थित होने से छूट प्रदान की। यहां बता दें कि हाइकोर्ट ने अपने पूर्व के आदेश में राज्य के सभी जिलों में जल स्रोतों से अतिक्रमण हटाने को लेकर कार्रवाई करने, जल स्रोतों से अतिक्रमण हटाने के बाद वहां फिर से कोई अतिक्रमण न हो इस पर ध्यान रखने, जल स्रोतों ठोस कचरा जाने से रोकने आदि के संबंध में दिशा निर्देश सरकार को दिया था। जल स्रोतों के संरक्षण को लेकर टास्क फोर्स गठित कर उसकी स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी थी। हस्तक्षेपकर्ता की ओर से पूर्व की सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि रांची के बड़ा तालाब की सफाई सही ढंग से नहीं हो पा रही है। वहीं एमिकस क्यूरी ने कोर्ट को बताया था कि राजधानी रांची के कांके डैम, धुर्वा डैम एवं गेतलसूद डैम में अतिक्रम किया गया है। कोर्ट के पूर्व के आदेशों का अनुपालन राज्य सरकार नहीं कर रही है। खंडपीठ ने आज राज्य में जल स्रोतों के संरक्षण एवं रांची के तीन डैम की साफ -सफाई और उसे अतिक्रमण मुक्त करने को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई की।

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