कोलकाता: पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने इस साल मोहर्रम के जुलूसों के दौरान मां दुर्गा की मूर्ति के विसर्जन पर रोक लगा दी है. तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष के इस फैसले पर राज्य में सियासी घमासान तेज हो गया है. उधर आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद की पश्चिम बंगाल यूनिट ने ममता बनर्जी सरकार के इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया है. दुर्गा पूजा आयोजकों के साथ हुई मीटिंग के दौरान राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि विजय दशमी के दिन शाम 6 बजे तक ही मूर्ति विसर्जन किए जाएंगे क्योंकि उसके बाद मोहर्रम के जुलूस निकलेंगे. अगर ये दोनों चीजें एक साथ होंगी, तो समस्या खड़ी हो सकती है.

मैं इस मामले में आप सभी का सहयोग चाहती हूं. कुछ लोग इस मौके का फायदा उठाना चाहेंगे और अपने हित के लिए हिन्दू और मुसलमानों को एक टूल की तरह इस्तेमाल करेंगे. बाद में ममता बनर्जी ने ट्वीट किया कि मुहर्रम के दिन 24 घंटे की अवधि को छोड़कर, विसर्जन 2 , 3 और 4 अक्टूबर को हो सकता है. इन सबके बीच आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद की पश्चिम बंगाल यूनिट ने ममता बनर्जी सरकार के इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया है. आरएसएस और वीएचपी का कहना है कि मतता बनर्जी की सरकार मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति अपना रही है. इनलोगों का कहना है हिंदू धर्म में शास्त्र के मुताबिक पूजा अर्चना और मूर्तियों के विर्सजन किया जाता है. ऐसे में ममता सरकार को तुष्टीकरण की नीति को छोड़कर ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए की दोनों धर्म के लोग बिना की व्यवधान के अपनी-अपनी मान्यता के मुताबिक मोहर्रम और दुर्गा विसर्जन कर सकें.

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