गडकरी ने कहा, नेशनल हाईवे पर सड़क किनारे जनसुविधाओं का अभाव है। जर्मनी, यूरोप और अमेरिका में इस तरह की सुविधाएं देखने को मिलती हैं। इसी के मद्देनजर हमने नेशनल हाईवे पर प्रत्येक 50 किलोमीटर की दूरी पर जनसुविधाएं उपलब्ध कराने का फैसला किया है। इनका विकास निजी भागीदारी के जरिये किया जाएगा।
रेस्टरूम के साथ ही मिलेगा स्थानीय भोजन का आनंद
नेशनल हाईवे पर कार, बस या भारी वाहनों के जरिये गुजरने वाले लोगों को न केवल उपयुक्त रेस्टरूम और आराम करने के जगह मिलेगी बल्कि वे स्थानीय हस्तशिल्प की खरीदारी भी कर सकेंगे। इसके अलावा स्थानीय भोजन और फल आदि का आनंद भी उठा पाएंगे। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यात्री नागपुर में संतरे खरीद सकेंगे, तो नासिक में अंगूर और हिमाचल प्रदेश में सेब खरीद सकेंगे।
1,000 रोड साइड सुविधाएं बनाई जाएंगी
नितिन गडकरी ने इन रोड साइड सुविधाओं के विकास में भागीदारी के लिए ऐसे निवेशकों और लोगों को आमंत्रित किया है, जिनके पास नेशनल हाईवे पर सड़क से जुड़ी जमीन हो। उन्होंने कहा कि ऐसी कम से कम 1,000 सुविधाओं को स्थापित करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसमें से 200 सुविधाओं के लिए एनएचएआई के पास जगह है। बाकी 800 के लिए भागीदारों की आवश्यकता है।
हाईवे विलेज और हाईवे नेस्ट होगा नाम
एनएचएआई के चेयरमैन दीपक कुमार ने कहा कि 5 एकड़ से ज्यादा जगह में स्थापित सुविधा स्थल को हाईवे विलेज ब्रांड नाम से जाना जाएगा। वहीं 5 एकड़ से कम जगह पर स्थापित सुविधा स्थल को हाईवे नेस्ट ब्रांड नाम से पुकारा जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास नेशनल हाईवे के किराने एक हेक्टेयर या इससे ज्यादा जमीन है, वह इस काम के लिए एनएचएआई के साथ गठजोड़ कर सकते हैं।