नई दिल्ली: बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि आप शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए अपनी कमियों की गाज 50 पार शिक्षको पर गिराना चाहते है. लगभग 20 महीने तक नीतीश कुमार के साथ बिहार में सरकार चलाने के बाद आज विपक्ष के नेता के रूप में राज्य की राजनीति में अपना कद बढ़ाते लालू यादव के बेटे तेजस्वी पिछले कई दिनों से नीतीश और बीजेपी पर लगातार हमलावर रुख अपनाए हुए है. बिहार में इंटर के खराब रिजल्ट पर राज्य के शिक्षा विभाग द्वारा उठाए नए कदम को लेकर तेजस्वी ने सीएम नीतीश पर निशाना साधते हुए एक अनूठी सलाह दी है.

दरअसल नीतीश सरकार ने 50 साल से ऊपर के ऐसे टीचरों को जबरन रिटायर करने का फैसला किया है जिनके स्‍कूलों का प्रदर्शन खराब रहा है. मतलब जिन स्कूलों का इंटर में रिजल्ट जीरो रहा है वहां के 50 की उम्र से ज्यादा के टीचरों को अनिवार्य रिटायरमेंट दे दिया जाएगा. राज्य सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए तेजस्वी यादव ने फेसबुक पोस्ट में सीएम नीतीश कुमार को खराब शिक्षा व्यवस्था का जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि यदि 50 साल से ज्यादा आयु वाले शिक्षक पढ़ाने योग्य नहीं हैं तो आप भी तो 65 साल से ज्यादा के हो चुके हैं, ऐसे में आपको भी गद्दी छोड़ देनी चाहिए.

तेजस्वी ने कहा “आप भी तो 65 पार है आपसे राज्य नहीं संभल रहा तो आप भी सन्यास लीजिये. कम से कम बिहार की शिक्षा व्यवस्था का तो सुधार होगा और बिहार की जनता को आप जैसे अवसरवादी मुख्यमंत्री के हाथों जनादेश का अपमान नहीं सहना पड़ेगा. शिक्षा से खिलवाड़ कर राज्य के छात्रों भविष्य से खेलने के प्रयास की राजद कड़े शब्दों में भर्तस्ना करता है. हम बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की मांग उठाते रहे है और अगर सरकार नहीं चेती तो शिक्षा और शिक्षकों की मांगो को लेकर आंदोलन करेंगे.”

तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार बस एक ही आंकड़ा लेकर ये बैठ गए हैं कि पिछली सरकार की अपेक्षा इनके कार्यकाल में राज्य के स्कूलों में हुए दाखिलों में इज़ाफ़ा हुआ. उन्होंने कहा कि ये इतने आत्ममुग्ध है कि इस इज़ाफ़े के लिए जिम्मेदार अधिक कारगर कारणों की जान-बूझकर अनदेखी करते हैं.

तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार यूपीए के कार्यकाल में सर्व शिक्षा अभियान में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए किए गए भारी आवंटन, बजट बढ़ोतरी और मिड डे मील जैसी योजनाओं की बदौलत बढ़े दाखिले का सेहरा बड़ी चतुरता से बस अपने सिर पर ही सजाते हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश ये भूल जाते हैं कि यूपीए सरकार के सहयोग के बगैर शिक्षा के क्षेत्र में एक भी योजना को अमलीजामा पहनाना असम्भव था.

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