बहराइच: ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर देशभर में जो खुशियां मनायी जा रही हैं, उसका पहला श्रेय उन मुस्लिम महिलाओं को जाता है, जिन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया। उसके बाद केंद्र की वर्तमान सरकार को जाता है, जिसने इस्लाम के नाम पर दुकान खोले लोगों का साथ देने की बजाय ेइंसानियत की पैरवी की। यह कहना है देश में ट्रिपल तलाक के खिलाफ बगावत का बिगुल बजानेवाले बहराइच के पूर्व सांसद आरिफ मोहम्मद खान का। बढ़ती उम्र के चलते बेड पर पड़े आरिफ को जब सुप्रीम कोर्ट के फैसले की जानकारी मिली, तो बोले कि यह मानवता और संविधान के साथ इस्लाम की जीत है। इस्लाम अमानवीय नहीं है। कुछ बरगलाने वाले लोगों ने ट्रिपल तलाक के नाम पर महिलाओं के साथ अमानवीयता की, जो हदें पार कर दी थीं, उसका अंत तय था। इसके खिलाफ जिन महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का काम किया, यह जीत उनकी है।

संसद में मैंने कहा था एक दिन अंत होगा
पूर्व सांसद आरिफ मोहम्मद खान ने कहा ‘1986 में शाहबानो केस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कट्टरपंथी मुस्लिमों के दबाव के चलते राजीव गांधी सरकार ने जो संविधान संशोधन का फैसला किया था, उसका कांग्रेस पार्टी होने के नाते मैंने पक्ष में वोट दिया था। संसद में मैंने कहा था कि एक दिन देश में मुस्लिम महिलाओं को उनका हक मिलेगा। आज वह दिन आ गया। मुझे कितनी खुशी है इसको शब्दों में बयां नहीं कर सकता। सिर्फ इतना ही कहूंगा कि अब खुदा के पास चैन से जा सकता हूं।
गौरतलब है आरिफ मोहम्मद खान उस समय राजीव गांधी सरकार में केंद्रीय मंत्री थे और उन्होंने संविधान संशोधन का कड़ा विरोध किया था। शाहबानो केस पर संविधान संशोधन से नाराज होकर बहराइच से सांसद आरिफ मोहम्मद खान ने इस्तीफा दे दिया था। आरिफ मोहम्मद खान कहते हैं, ‘मुझे उस समय जिस विरोध का सामना करना पड़ा, वह सब मैं आज सुप्रीम कोर्ट से मिली खुशी के चलते भूल गया।

अब कोई बोलेगा ट्रिपल तलाक, तो जायेगा जेल
सुप्रीम कोर्ट के ट्रिपल तलाक के फैसले के बाद क्या हालात बदलेंगे? इस सवाल पर पूर्व सांसद आरिफ खान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में बहनों ने जो जंग जीती है, उसके बाद अब कोई ट्रिपल तलाक बोलकर बेगम से छुटकारा पाना चाहेगा, तो जेल जायेगा। सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद अगर कोई ऐसी गुस्ताखी करेगा, तो महिला को कुछ नहीं करना पुलिस थाने में जाकर एक उत्पीड़न की शिकायत करनी होगी, ऐसा करने वाले जेल जायेंगे, तो दिमाग दुरुस्त हो जायेगा। आजादी की इस नयी किरण का हम सबको स्वागत करना चाहिए।

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