नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें देशवासियों के उसूलों के लिए काम करने वाला नेता बताया। पीएम ने अटल बिहारी के योगदान को याद करते हुए कहा कि अटल ने अपने काम से देश को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाया। विदेश नीति से लेकर देश को मजबूत बनाने के लिए अटल ने वह सबकुछ किया जो जरूरी था। परमाणु परीक्षण से लेकर कश्मीर तक अटल ने ऐसी नीति बनाई जहां से भारत की दुनिया में मजबूत पहचान बनी। कश्मीर पर अटल की दूर दृष्टि के कारण ही पूरी दुनिया का नजरिया बदला और पूरी दुनिया में आतंकवाद की चर्चा होने लगी।
पूर्व पीएम अटल की याद में इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित प्रार्थना सभा में कहा कि अटल किशोर अवस्था से लेकर अंत तक जबतक शरीर ने साथ दिया वह देश के लिए ही जिए। सामान्य लोगों के लिए काम किया। उन्होंने कहा, ‘जब अटल ने राजनीति की शुरुआत की उस काल मे राजनीति की मुख्यधारा के निकट कोई अन्य विचारधारा दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही थी। देश का लंबा कालखंड राजनीतिक जीवन में छुआछूत का कालखंड रहा। पल-पल अपमानित करने का प्रयास किए जाने के बावजूद और अलग विचार होने के बाद भी उन्होंने राष्ट्र के प्रति समर्पण होने कारण शून्य में सृष्टि का निर्माण कैसे होता यह अटल के काम से पता चलता है।’

कश्मीर पर पाकिस्तान को घेरा, आंतक पर होने लगी चर्चा : पीएम मोदी ने कहा कि पहले अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को जम्मू-कश्मीर पर जवाब देना पड़ता था। उन्होंने कहा, ‘यह अटल की दिव्य दृष्टि ही थी कि जब उनको यह दायित्व मिला तो उन्होंने इसे कुशलतापूर्वक पूरा किया। कश्मीर की जगह आतंकवाद पर चर्चा होने लगी। कौन आतंक के साथ और कौन आतंक के खिलाफ इसपर दुनिया बात करने लगी। आतंकवाद के मुद्दे पर पूरी दुनिया को साथ लाने के लिए वह सफलतापूर्वक आगे बढ़े।’

पोखरण को याद कर अटल की हिम्मत तारीफ की : पीएम मोदी ने कहा, ‘अटल केवल नाम से अटल नहीं थे बल्कि व्यवहार में भी अटल भाव नजर आता है। 11 मई 1998 में पोखरण परीक्षण कर भारत ने सारी दुनिया को चौंका दिया। देश में इस परीक्षण की तैयारी दशकों से हो रखी थी, लेकिन हो नहीं पा रहा था। यह अटल थे जिसके अटल निर्णय ने ऐसा कर दिखाया। 11 मई को हमारे देश के वैज्ञानिकों की सिद्धि थी। अटल ने भी यह उपलब्धि वैज्ञानिकों को समर्पित किया था। सारे विश्व ने भारत पर प्रतिबंध लगा दिए थे। दुनिया के अधिकांश देश हमारे खिलाफ हो गए थे। उस समय के हालात में हमारा रुक जाना स्वभाविक था लेकिन यह अटल थे जिन्होंने 13 मई को दोबारा परमाणु परीक्षण कर विश्व को चुनौती दे डाली कि भारत अटल है और झुकने वाला नहीं है। यह भारत का सामर्थ था।’

राज्य बंटवारे पर भी अटल को किया याद : उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और झारखंड का विभाजन कर अटल ने यह साबित किया कैसे बिना किसी कटुता के और व्यवस्थाओं में अफरा-तफरी के बिना सबको साथ लेकर निर्णय कैसे किया जाता है। पीएम मोदी ने कहा, ‘आज देश नतीजे देख रहा है कि तीनों राज्य अपने बलबूते पर राज्य का विकास निभा रहे हैं। अटलकी दूरदर्शिता का परिणाम था कि तीनों राज्यों को हम पनपते देख रहे हैं।’

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