रांची। मिशनरीज आॅफ चैरिटी से जुड़ी संस्था निर्मल हृदय में मंगलवार को फिर सीआइडी पहुंची। सीआइडी डीएसपी रवींद्र कुमार राय और केस के आइओ इंस्पेक्टर उमेश ठाकुर ने पूर्व में बेचे गये चार बच्चों के संबंध में नये सवाल किये। साथ ही, जिला प्रशासन की जांच में स्पष्ट हुए गुम 58 बच्चों के बारे में भी छानबीन की। जिला प्रशासन द्वारा निर्मल हृदय से जब्त किये गये रजिस्टर के अनुसार मार्च 2016 से 29 जून 2018 तक 110 बच्चों में से 52 बच्चों को ही सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया गया था। शेष 58 बच्चों की कोई जानकारी नहीं दी गयी थी। सीआइडी ने इन बच्चों को लेकर संचालक से सवाल किये। …और किनकी मिलीभगत है, जानने की कोशिश : सीआइडी ने उन गायब बच्चों को ट्रेस करने के लिए आवश्यक जानकारी हासिल करने की कोशिश की। वहीं टीम ने यह भी जानना चाहा कि इस केस में जेल भेजी गयी सिस्टर कोनसिलिया और अनिमा इंदवार के अलावा किनकी मिलीभगत रही। अनिमा ने पुलिस रिमांड में शीलवंती तिग्गा के अलावा सदर अस्पताल की दो कर्मचारी गायत्री और रेणु पांडेय का नाम लिया था। कहा कि बच्चों की बिक्री में इनकी भूमिका रही है। पैसों का बंटवारा इनके बीच भी हुआ था। ऐसे में सीआइडी ने इन्हें भी आरोपी बनाने के लिए आवश्यक जानकारी जुटायी। इन तीनों के ठिकानों के बारे में भी जानकारी ली गयी। वहीं डीएसपी राय ने दर्ज केस में निर्मल हृदय में ही सुपरविजन किया।दर्जन भर संस्थाओं ने दिया विदेशी फंड का विवरण, स्क्रूटनी शुरू : मिशनरीज से जुड़ी दर्जन भर संस्थाओं ने मंगलवार को भी विदेशी धन से जुड़ा विवरण सीआइडी को सौंपा। सोमवार को भी 12 संस्थाओं का विवरण सीआइडी को प्राप्त हुआ था। दो दर्जन संस्थाओं के विवरण प्राप्त होने के बाद एडीजी के निर्देश पर विभिन्न टीमों ने कागजात की स्क्रूटनी शुरू कर दी है। संस्थाओं ने सीआइडी को जो विवरण सौंपे हैं, उनमें गृह मंत्रालय से पंजीकृत एफसीआरए पेपर, एफसीआरए बैंक खाते एवं एफसीआरए सब एकाउंट के पांच साल के स्टेटमेंट, एफसीआरए फंड का एमओयू पेपर, डोनेशन रिसिप्ट, वार्षिक रिपोर्ट, एफसीआरए आॅडिट रिपोर्ट, विदेशी फंडिंग आदि शामिल हैं।

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