मंदसौर। मध्य प्रदेश के मंदसौर में 7 साल की बच्ची के साथ बर्बर गैंगरेप मामले में स्पेशल कोर्ट ने दोनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। इससे पहले कोर्ट ने इरफान और आसिफ दोनों को दोषी करार दिया था। 7 वर्षीय पीड़िता ने ही पिछले महीने विशेष अदालत में चल रही सुनवाई के दौरान अपने मुजरिम इरफान और आसिफ की पहचान की थी।
बता दें कि पिछले 26 जून को दो युवकों इरफान और आसिफ ने स्कूल से छुट्टी के बाद बच्ची का स्कूल के बाहर से उस समय अपहरण कर लिया था जब वह स्कूल के बाहर अपने पिता का इंतजार कर रही थी। बच्ची दूसरे दिन सुबह झाड़ियों में बेहोशी की हालत में मिली थी। उसे गंभीर हालत में इंदौर के एमवाई अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
यहां शुरुआत में बच्ची की हालत लगातार गंभीर बनी रही। बच्ची का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया था कि हमलावरों ने बच्ची के सिर, चेहरे और गर्दन पर धारदार हथियार से हमला किया था। इसके साथ ही, उसके प्राइवेट पार्ट्स को भीषण चोट पहुंचाई थी। जिसकी वजह से बच्ची को कई सर्जरी से गुजरना पड़ा लेकिन उसने अपना हौसला नहीं खोया। बच्ची के हौसले देखकर डॉक्टर भी हैरान थे।

तुरंत फांसी देने की मांग : काफी समय तक आईसीयू में भर्ती रहने के बाद पिछले महीने से वह बाहर आई थी। अब उसके घाव भी तेजी से भर रहे हैं। पुलिस ने बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसकी हत्या की कोशिश के आरोप में दोनों युवकों इरफान और आसिफ को घटना के 48 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया था। इस अमानवीय घटना पर मंदसौर सहित पूरे मध्य प्रदेश में लोगों ने आरोपियों को तुरंत फांसी देने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किए थे। साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नाराजगी जताते हुए किसी कब्रिस्तान में जगह न देने की बात कही थी।
मन्दसौर कांड कुछ तथ्य-
कुल 35 गवाह पेश किए थे पुलिस ने
पुलिस ने 197 दस्तावेज पेश किए थे
सरकार ने एसआईटी गठित की थी
कुल 20 दिन में पेश हुआ चालान
अब तक मध्यप्रदेश में बच्चियों के साथ बलात्कार करने वाले 14 दोषियों को फांसी की सजा हुई है।

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