रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य के सभी बड़े अस्पतालों में प्रबंधन को अलग करें। रिम्स की तर्ज पर दोनों मेडिकल कॉलेज, सदर अस्पतालों में भी प्रबंधन और चिकित्सक का काम अलग-अलग होगा। चिकित्सक केवल मरीजों का इलाज करेंगे। अस्पताल का प्रबंधन देखने के लिए अलग से भर्ती करें। उक्त निर्देश उन्होंने झारखंड मंत्रालय में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिया। सीएम ने कहा कि इससे अस्पतालों में न केवल चिकित्सा सुविधाएं बेहतर होंगी, बल्कि चिकित्सकों का बोझ भी हल्का होगा। साथ ही कहा कि राज्य में खून की उपलब्धता बढ़ाने के लिए एक दिन राज्यस्तरीय रक्तदान शिविर का आयोजन करें।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य के आकांक्षी जिलों में चिकित्सा सेवा को प्राथमिकता की सूची में रखें। इनमें भी जो छह अति पिछड़े जिले हैं, उन पर ज्यादा ध्यान दें। बच्चों और महिलाओं के लिए चिकित्सक बढ़ायें। चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए मेडिकल कॉलेजों से कैंपस सेलेक्शन करने का निर्देश दिया। आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति पंचायत स्तर पर करने को कहा। राज्य के सात जिलों में अभी ब्लड बैंक नहीं हैं, उन जिलों में जल्द से जल्द ब्लड बैंक खोलने का निर्देश सीएम ने दिया। लावारिश शवों का दाह संस्कार करनेवाली संस्थाओं को आर्थिक सहायता के रूप में 1000 रुपये प्रति शव प्रोत्साहन राशि देने का निर्देश दिया। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, विकास आयुक्त डॉ डीके तिवारी, स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, कल्याण सचिव हिमानी पांडेय समेत स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
ट्रैफिकिंग की शिकार बच्चियों को हुनरमंद बनायें: सीएम
रांची। सीएम रघुवर दास ने कहा कि ट्रैफिकिंग की शिकार बचायी गयी बच्चियों को प्रशिक्षित कर स्वरोजगार से जोड़ें, ताकि उन्हें रोजगार के लिए कहीं भटकना नहीं पड़े। राज्य के पिछड़े जिलों में प्रशिक्षण पर विशेष फोकस करें। वहां की महिलाओं और युवाओं को प्रशिक्षण दें। मुख्यमंत्री मंगलवार को झारखंड मंत्रालय में प्रेझा फाउंडेशन के अंतर्गत योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। सीएम ने कहा कि प्रशिक्षित युवाओं को विदेश में प्लेसमेंट के लिए सरकार द्वारा नामित संस्था के माध्यम से ही भेजा जाये। इससे वे ठगने से बचेंगे।
बैठक में कल्याण सचिव हिमानी पांडेय ने बताया कि अभी राज्य में 21 कल्याण गुरुकुल संचालित हो रहे हैं। इनमें 12 अनुसूचित जिलों में तथा नौ दूसरे जिलों में हैं। 10 और गुरुकुल खोले जाने हैं। इनमें अब तक 1913 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 1166 युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इनमें 964 युवाओं का प्लेसमेंट हो चुका है। अभी कल्याण गुरुकुल की वार्षिक क्षमता 7500-10,000 छात्रों की है। राज्य में अभी चान्हो में नर्सिंग कॉलेज है। नौ और कौशल कॉलेज इसी वर्ष शुरू किये जा रहे हैं।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, विकास आयुक्त डॉ डीके तिवारी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, कल्याण सचिव हिमानी पांडेय, नगर विकास सचिव अजय कुमार सिंह समेत अन्य उपस्थित थे।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version