श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा अमरनाथ यात्रा बीच में रोकने तथा पर्यटकों को जल्द से जल्द घाटी छोड़ने के निर्देश जारी करने के बाद प्रदेश में भय, आशंका और आतंक का माहौल है। पाकिस्तान की ओर से खतरे की आशंका के मद्देनजर राज्य प्रशासन ने बाहरी छात्रों, पर्यटकों और अमरनाथ यात्रियों को जल्दी बाहर जाने के लिए कहा है। सैलानियों को बाहर निकालने के लिए वायुसेना के विमान की भी मदद ली जा रही है। वहीं, प्रदेश में व्याप्त अस्थिरता से स्थानीय लोग भी ‘टेंशन’ में हैं।

छात्रों को हॉस्टल खाली करने के निर्देश
श्रीनगर के एनआईटी प्रशासन ने छात्रों को को घाटी छोड़ने के निए निर्देश जारी किया है। वहीं, गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रिंसिपल ने छात्रों को हॉस्टल खाली करने को कह दिया है। बता दें कि ये निर्देश राज्य में हजारों अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के बाद दिए गए हैं। जिसके बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी अपना चुनावी वादा पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए राज्य में आर्टिकल 35 ए हटाने को लेकर बड़ा फैसला लेने वाली है।

रोजमर्रा के सामान स्टोर करने में लगे लोग
हालांकि, राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने इसे आतंकवादियों से मिली हमले की धमकी के बाद एहतियातन उठाया गया कदम बताया है। उन्होंने कहा कि मैं कल के बारे में नहीं जानता और कुछ भी मेरे हाथ में नहीं है लेकिन आज चिंता की कोई बात नहीं है। इस बीच जम्मू-कश्मीर में अनिश्चितता से भयभीत लोगों ने रोजमर्रा की जरूरतों के सामानों का संग्रह शुरू कर दिया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, लोग दवाएं, खाद्य तेल, नमक, दाल-सब्जियां और अन्य जरूरत की चीजें इकट्ठा करने में जुट गए हैं।

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